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राजस्थान मूल की एकता सेठ ने सवा सौ लोगों में नकारात्मक सोच को दूर किया, काउंसलिंग के जरिए भगाया डर

locationचेन्नईPublished: May 15, 2021 08:13:26 pm

आप अपनी बात उन्हें बता दीजिए जिन पर आप भरोसा करते हैंराजस्थान मूल की एकता सेठ ने सवा सौ लोगों में नकारात्मक सोच को दूर किया, काउंसलिंग के जरिए भगाया डर

EKTA SETH, PSYCHOLOGIST COUNSELLOR

EKTA SETH, PSYCHOLOGIST COUNSELLOR

चेन्नई. जब प्रकृति भी साथ न दे और हालात भी अनुकूल न हो तो कैसे खुद की सोच एवं काम के तरीके को बदल कर हम नई राह तैयार कर सकते हैं। कहते हैं बूंद-बूंद से घड़ा भर सकता है। ऐसी ही छोटी एवं प्रेरक बातें हमें जीने की राह दिखाती है। पिछले एक साल से कोरोना एवं लॉकडाउन के चलते कई लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो चुकी है और कइयों में एक अजीब तरह का डर पैदा हो गया। ऐसे हालात में राजस्थान मूल की चेन्नई प्रवासी एकता सेठ ने लोगों की निःशुल्क काउंसलिंग के जरिए न केवल उनके डर को दूर किया बल्कि नकारात्मक सोच को बाहर निकाल सकारात्मक सोच पैदा करने की कोशिश की। उन्होंने फोन. व्हाट्सएप एवं अन्य तकनीक के माध्यम से लोगों की शंकाओं व समस्याओं का समाधान बताया।
लॉकडाउन के बाद बढ़ गया डर
एकता सेठ कहती है, जब कोविड-19 की शुरुआत थी तब लोग अधिक डरे हुए थे। लॉकडाउन के बाद उनका डर और बढ़ गया। उन्हें डर इस बात का था कि कहीं उन्हें कोरोना न हो जाएं। परिवार के सदस्य भी कोरोना की चपेट में आ गए तो क्या होगा। लॉकडाउन के कारण लोग घरों में कैद हुए तो पारिवारिक कलह व झगड़े बढ़ने लगे। कई परिवार ऐसे थे जो बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो जाने से खुद को उसके अनुकूल नहीं ढाल पा रहे थे। कई लोग वित्तीय रूप से कमजोर होने लगे। कोरोना के चलते परिवार के निकट सदस्यों की मौत के गम को भुला नहीं पा रहे थे। ऐसे हालात में उनकी काउंसलिगं करना वाकई बहुत कठिन था।
धैर्य से बातें सुनी और समझाया
काउंसलिंग से पहले उनकी एक-एक बात को धैर्य से सुना फिर आसान शब्दों में उन्हें समझाया। आम जीवन में पालन की जाने वाली कुछ साधारण बातों का पालन करने के लिए कहा। मसलन मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंस का पालन करने, सेनेटाइज करने, ताजा भोजन करने आदि के बारे में बताय़ा। काउंसलिंग के जरिए उन्हें बताया कि नकारात्मक भावों को हावी न होने दे। अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखें। घर-परिवार, रिश्तेदार मित्रों से बातें करते रहें। जिन लोगों पर आप विश्वास करते हैं उन्हें अपने मन की बात बताएं। समाचार चैनल लगातार न देखें बल्कि कम कर दें।
कई आ गए अवसाद में
कई ऐसे छात्र थे जिन्होंने विदेश में पढ़ाई के लिए आवेदन किया था लेकिन अध्ययन शुरू नहीं हो पाया था। कई ऐसी महिलाएं थी जिन पर काम का बोझ अचानक बढ़ गया था। कई लोग अन्य कारणों से तनाव व अवसाद में आ गए थे। उन्हें भी काउंसलिंग के माध्यम से राहत दी गई।
स्लॉट के माध्यम से की काउंसलिंग
लोगों की आसानी से काउंसलिंग हो सके और उन्हें पूरा वक्त मिल सके, इसके लिए एक साधारण रूप में नाम एवं समय के साथ स्लॉट बुक करने के लिए कहा, ताकि उस निश्चित समय में उनकी अच्छी तरह से काउन्सलिंग कर उनकी शंकाओं का समाधान किया जा सकें।
18 डिग्री व डिप्लोमा
एकता सेठ के पास एमफिल, डब्बल एमए, एमएससी मनोविज्ञान (फैमिली थैरेपी एवं काउंसलिंग) समेत 18 डिग्री एवं डिप्लोमा की उपाधियां है। उन्होंने चेन्नई, सिंगापुर एवं स्वीट्जरलैण्ड से अपनी शिक्षा हासिल की है। अब भी उनकी पढ़ाई जारी है। वे कहती हैं, जिंदगी को जानने-समझने के लिए पढ़ाई जरूरी है। आप जितना पढ़ते जाओगे, आपका ज्ञान का भंडार उतना ही समृद्ध होता जाएगा।
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