मद्रास हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै खंडपीठ ने शुक्रवार को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के कार्यकर्ता अर्जुनन और उसके दस अन्य साथियों को सात साल पहले तिहरे हत्याकांड मामले में तीहरे आजीवन कारावास की सजा के ट्रायल कोर्ट के फैसल को बरकरार रखा है। निचली अदालत ने २०१२ में तीन हत्या के मामले में दोषी पाते हुए सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
१४ नवम्बर २०१२ को एआईएडीएमके जिला छात्र विंग सचिव एमजी कथिरेशन सपरिवार दीवाली मनाकर पैतृक गांव से शिवगंगा लौट रहे थे। तभी उनपर हमला हुआ जिमें कथिरेशन, उनके १२ साल के बेटे प्रसन्ना और कार चालक भूमिनाथन की मौत हो गई। कथिरेशन की बेटी निकिला (७) बच गई। दरअसल एक तेज रफ्तार लॉरी उनकी कार के आगे आकर रुक गई।
उसमें से उतर कर कुछ लोगों ने कथिरेशन को घेर लिया और तीन लोगों की हत्या कर दी। शिवगंगा तालुक पुलिस ने मामला दर्ज कर ३० लोगों को गिरफ्तार किया। वर्ष २०११ में अर्जुनन और कथिरेशन ने पंचायत चुनाव लड़ा था जिसके बाद दोनों में तनातनी थी। कई वर्षों तक मामले में सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने ११ आरोपियों को इस हत्याकांड का दोषी पाया और अर्जुनन सहित सभी को तीहरा आजीवन कारावास सुनाया था।