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चेन्नई

इलेक्ट्रिकल उपकरणों की निर्माण इकाइयां लगाने को सरकार दे प्राथमिकता

तमिलनाडु के इलेक्ट्रिकल (Electical) व्यापारियों का कहना है कि सरकार को इलेक्ट्रिकल उत्पादन इकाइयों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करना चाहिए। इसके लिए सरकार ऐसी प्राथमिकता तय करें जिससे इलेक्ट्रिकल उपकरण बनाने वाली इकाइयां तमिलनाडु (Tamilnadu) में अपने उद्योग स्थापित करने के लिए आगे आएं।

चेन्नईFeb 10, 2020 / 09:04 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

electrical equipment

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चेन्नई. तमिलनाडु के इलेक्ट्रिकल व्यापारियों का कहना है कि सरकार को इलेक्ट्रिकल उत्पादन इकाइयों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करना चाहिए। इसके लिए सरकार ऐसी प्राथमिकता तय करें जिससे इलेक्ट्रिकल उपकरण बनाने वाली इकाइयां तमिलनाडु में अपने उद्योग स्थापित करने के लिए आगे आएं।
इलेक्ट्रिकल व्यापारियों ने यहां राजस्थान पत्रिका की मेजबानी में तमिलनाडु के बजट पूर्व आयोजित परिचर्चा में यह बात कही। इलेक्ट्रिकल व्यापारियों का करना है कि तमिलनाडु में इलेक्ट्रिकल की ट्रेडिंग प्रतिष्ठान तो खूब हैं लेकिन उत्पादन इकाइयों की कमी अखरती है। ऐसे में सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए।
इलेक्ट्रिक उपकरण उत्पादन की इकाइयों की कमी

जिस तरह तमिलनाडु में ओटोमोबाइल एवं वाहन उत्पादन इकाइयों को बढ़ावा देने की दिशा में विशेष कार्य किया गया है। इसी प्रकार इलेक्ट्रिकल उत्पादनों को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास करने की जरूरत है। ऐसे में इलेक्ट्रिकल उत्पादन इकाइयां खुल सकें, इसके लिए चेन्नई के आसपास ऐसा विशेष क्षेत्र खोला जाएं जहां इलेक्ट्रिकल उपकरण बनाने वाली इकाइयां स्थापित हो सकें। मौजूदा समय में तमिलनाडु में इलेक्ट्रिक उपकरण उत्पादन की इकाइयों की कमी खल रही है। पहले एक-दो उपकरणों की इकाइयां खुली भी लेकिन सरकारी संरक्षण एवं प्रोत्साहन के अभाव में बन्द हो गई। लेकिन तमिलनाडु में जिस तरह इलेक्ट्रिक उपकरणों की ट्रेडिंग का बाजार बढ़ रहा है लगातार इलेक्ट्रिक उपकरणों की मांग में इजाफा हो रहा है।
इलेक्ट्रिक व्यापारियों का कहना है कि वे पिछलेे करीब दो दशक से सरकार से यह मांग करते आ रहे हैं। मौजूदा समय में व्यापारियों को इलेक्ट्रिक प्रोड़ेक्ट अन्य प्रदेशों से मंगवाने पड़ रहे हैं।
तमिलनाड़ु इलेक्ट्रिक मार्केट का हब
तमिलनाडु में इलेक्ट्रिक उत्पादों की खरीद के लिए देशभर से लोग आते हैं। ऐसे में तमिलनाड़ु इलेक्ट्रिक मार्केट का हब बनता जा रहा है। यदि ट्रेंिडग के साथ ही यहां उत्पादन इकाइयां भी खुलने लगेगी तो तमिलनाडु इलेक्ट्रिक के क्षेत्र में और मजबूती के साथ आगे बढ़ सकेगा। इलेक्ट्रिक व्यापारियों ने दि मद्रास इलेक्ट्रिक ट्रेड्र्स एसोसिएशन बना रखी है। इस एसोसिएशन के माध्यम से व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं का निदान करने के साथ ही कई कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। सदस्यों में जागरूकता के लिए समय-समय पर कार्यक्रम चलाए जाते हैं। एसोसिएशन की ओर से इलेक्ट्रिकल प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाता है। नए उत्पादों के बारे में यहां जानकारी दी जाती है। परिचर्चा का संयोजन राजस्थान पत्रिका चेन्नई के मुख्य उप संपादक अशोकसिंह राजपुरोहित ने किया।
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इलेक्ट्रिकल उपकरणों की सुविधा मिले
मौजूदा समय में तमिलनाडु में इलेक्ट्रिकल उपकरणों को अन्य प्रदेशों से खरीदना पड़ रहा है। यदि तमिलनाडु में ही इस तरह के उपकरण बनने लगें तो व्यापारियों को सुविधा मिलेगी। व्यापारियों पिछले करीब बीस वर्ष से सरकार से यह मांग करते आ रहे हैं। तमिलनाडु को इलेक्ट्रिकल मैन्युफेक्चरिंग बेस बनाने की दिशा में ध्यान देना चाहिए। तमिलनाडु इलेक्ट्रिकल का बड़ा बाजार है। पहले अम्बत्तूर इलाके में एक उत्पादन इकाई थी जहां वायर-केबल का निर्माण होता था लेकिन यह भी सरकारी संरक्षण के अभाव में बन्द हो गई। ऐसे में सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए। चेन्नई के आसपास किसी इलाके में इलेक्ट्रिक उपकरणों को बनाने के लिए बाजार विकसित किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार रियायती दर पर जमीन देकर व्यापारियों को प्रोत्साहित कर सकती है।
-सुरेन्द्र व्यास, अध्यक्ष, दि मद्रास इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन।
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बहुस्तरीय पार्किंग प्रणाली की दरकार
मौजूदा समय में चेन्नई का इलेक्ट्रिक बाजार काफी भीड़भाड़ वाले इलाके में है। इसके साथ ही यहां कई अन्य बाजार भी हैं। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या वाहनों के पार्किंग की लेकर है। पिछले बजट में तमिलनाडु सरकार ने एनएससी बोस रोड के पास बहुस्तरीय पार्किंग विकसित करने की घोषणा की थी लेकिन इस पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। यदि बहुस्तरीय पार्किंग व्यवस्था विकसित की जाती है तो एक साथ कई वाहनों की पार्किंग हो सकती है। ऐसे में यहां व्यापारियों के साथ ही ग्राहकों को भी काफी सुविधा होगी। सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए।
-भूपेन्द्रसिंह देवड़ा, इलेक्ट्रिकल व्यापारी
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करों का बोझ हो कम
इलेक्ट्रिक उपकरणों से हर किसी का वास्ता रहता है। ऐसे उपकरणों पर करों का बोझ कम से कम किया जाना चाहिए। जीएसटी की दरों को भी 18 से 12 फीसदी किए जाने की जरूरत है। आज बिना बिजली के उपकरणों के किसी का काम नहीं चलता। ऐसे में यदि बिजली के उपकरण सस्ते होंगे तो आमजन पर इसका अधिक भार नहीं पड़ेगा। एलईडी लाइटों से बिजली की खपत भी कम होती है। नए प्रावाधान किए गए हैं उनमें भी इलेक्ट्रिक व्यापारियों पर कर थोपे गए हैं उन्हें हटाया जाना चाहिए।
-महेन्द्र मूथा, संयुक्त सचिव, दि मद्रास इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन।
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नए नियमों की जानकारी
दि मद्रास इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन कई सामाजिक कार्यों में अग्रणी है। व्यापारियों को विभिन्न जानकारियां देती है। जीएसटी, इन्कम टैक्स के बारे में भी विभिन्न सेमिनार के माध्यम से व्यापारियों को नए बदलाव के बारे में जानकारी दी जाती है। किसी तरह की कानूनी अड़चन के समय भी व्यापारियों की मदद की जाती है। व्यापारियों के बीच मेलजोल बढ़ाने एवं फिटनेस को लेकर भी विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इस क्षेत्र से जुड़े व्यापारियों, विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के प्रतिभावान छात्रों को भी प्रोत्साहित किया जाता है।
-राजेश संघवी, कार्यकारिणी सदस्य, दि मद्रास इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन
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