एक सप्ताह पहले अनाकट्टी गांव में 58 वर्षीय किसान पेरियादुरई पर भी एक हाथी ने हमला बोल दिया था…
उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह पहले अनाकट्टी गांव में 58 वर्षीय किसान पेरियादुरई पर भी एक हाथी ने हमला बोल दिया था। वह अपने खेत पर काम कर रह घर लौट रहा था। हाथी के हमला बोलने पर किसान सहायता के लिएचिल्लाया। गंभीर रूप से घायल किसान को अनाकट्टी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद कोय बत्तूर रैफर किया गया। जहां उसकी हालत में सुधार हैं। कोय बत्तूर के जंगलों में गर्मियों में पानी का संकट के कारण वन्यजीव आबादी की ओर रुख करने लगे हैं। हाथी को पानी अधिक चाहिए पर वन विभाग बजट का रोना रोते हुए जंगल में पर्याप्त पानी का इंतजाम नहीं कर पाता। हाथी पानी की तलाश में गांव में घुस जाते हैं। कोई व्यक्ति नजर आ जाता है तो प्यासा हाथी उसके पीछे पड़ जाता हैं। हालांकि वन विभाग का दावा है कि कालीरु प्रोजेक्ट के तहत हाथियों के आवागमन वाले क्षेत्र में बने 105 वाटर टैंक में सप्ताह में एक बार पानी भरवाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह पहले अनाकट्टी गांव में 58 वर्षीय किसान पेरियादुरई पर भी एक हाथी ने हमला बोल दिया था। वह अपने खेत पर काम कर रह घर लौट रहा था। हाथी के हमला बोलने पर किसान सहायता के लिएचिल्लाया। गंभीर रूप से घायल किसान को अनाकट्टी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद कोय बत्तूर रैफर किया गया। जहां उसकी हालत में सुधार हैं। कोय बत्तूर के जंगलों में गर्मियों में पानी का संकट के कारण वन्यजीव आबादी की ओर रुख करने लगे हैं। हाथी को पानी अधिक चाहिए पर वन विभाग बजट का रोना रोते हुए जंगल में पर्याप्त पानी का इंतजाम नहीं कर पाता। हाथी पानी की तलाश में गांव में घुस जाते हैं। कोई व्यक्ति नजर आ जाता है तो प्यासा हाथी उसके पीछे पड़ जाता हैं। हालांकि वन विभाग का दावा है कि कालीरु प्रोजेक्ट के तहत हाथियों के आवागमन वाले क्षेत्र में बने 105 वाटर टैंक में सप्ताह में एक बार पानी भरवाया जाता है।