चेन्नई

कर्मचारियों ने रेल रोककर किया प्रदर्शन

केंद्र सरकार की श्रमिक व कर्मचारी वर्ग विरोधी नीतियों के खिलाफ सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन, (सीटू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन और ऑल इंडिया ट्रेड…
 

चेन्नईFeb 15, 2019 / 12:04 am

मुकेश शर्मा

Employees protest by rail

चेन्नई। केंद्र सरकार की श्रमिक व कर्मचारी वर्ग विरोधी नीतियों के खिलाफ सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन, (सीटू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) सहित विभिन्न श्रम संघों ने दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के तहत बुधवार को गिंडी और पेरम्बूर रेलवे स्टेशन सहित अन्य जगहों पर ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया।

 

समझाइश के बाद भी नहीं मानने पर पुलिस ने सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले मदुरै रेलवे स्टेशन पर रेल रोको प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। हड़ताल की जानकारी मिलने के बाद रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया था।

सीपीआई पार्टी के जिला सचिव आर. विजयराजन के नेतृत्व में ७०० से अधिक कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने पहले समझाइश की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने करीब ४०० लोगों को गिरफ्तार कर पास ही एक मैरिज हॉल में बंद कर दिया। इसी प्रकार तिरुपरमकुंड्रम जिले में सीटू के नेता पोन. कृष्णन के नेतृत्व में कर्मचारियों ने रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने उनको रोक कर गिरफ्तार कर लिया।

बिना समारोह के हो एमजीआर शताब्दी आर्क का अनावरण

मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को चेन्नई में एमजीआर शताब्दी आर्क का अनावरण बिना समारोह के करने की अनुमति राज्य सरकार को दे दी। कामराजर सालै पर इस मेहराब का निर्माण हाल ही किया गया है। आर्क पर से केवल ग्रीन नेट से जो कवर किया गया को हटाया जाए। इसके लिए किसी तरह का समारोह न हो। जस्टिस एम.सत्यनारायणन तथा पी.राजमानिकम की खंडपीठ ने यह अनुमति दी। 19 नवम्बर को बेंच ने एक अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें राज्य को नवनिर्मित एमजीआर शताब्दी आर्क का उद्घाटन करने से अगले आदेश तक रोका गया था। अदालत ने सरकार को निर्माण कार्य जारी रखने को कहा था क्योंकि केवल उद्घाटन पर रोक थी।

खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता डी. दिनेश कुमार की याचिका पर दिया था। अधिवक्ता का कहना था कि सरकार ने इसका निर्माण कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन कर किया है। ऐसे में इसे रोका जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता का कहना था कि आर्क का निर्माण कामाराजर सालै तथा पैदल चलने वाले लोगों के लिए निर्धारित स्थान पर अतिक्रमण करके किया गया है। यह विभिन्न कानूनों का पूर्ण उल्लंघन है।

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