इस अवसर पर राजभाषा विभाग के प्रबंधक साजी सी अब्रहाम व सहायक प्रबंधक जी. शांति द्वारा मंच संचालन में आयोजित कार्यशाला में डॉ. इन्दिरा रानी थॅामस, वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा), हेमलता कश्यप, प्रबंधक (राजभाषा), निशांत यादव, प्रबंधक (राजभाषा) क्षेत्रीय मुख्यालय, दक्षिणी क्षेत्र के अलावा राजभाषा विभाग के दोनों प्रभागों के सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर ग. चंद्रमौलि ने हिन्दी कार्यशाला की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए इसके सफल आयोजन की बात कही एवं सभी नामांकित कार्मिकों से अनुरोध किया कि उनको हिंदी में किसी भी प्रकार की झिझक हो उसे चर्चा करके दूर किया जाए। साथ ही कहा कि हिंदी भाषा सीखकर वे भारत में कहीं भी जाकर कार्य कर सकते हैं। एस श्रीकुमार ने नियमित रूप से हिन्दी कार्यशाला के आयोजन के महत्व पर बल देते हुए कहा कार्यशाला का आयोजन न केवल भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करती है बल्कि इस प्रकार की कार्यशाला से सबको अपने विभाग में राजभाषा हिन्दी में कार्य करने में सहायता मिलती है।
उन्होंने भाषा प्रशिक्षण पर बल देते हुए कहा कि संबंधित विभागाध्यक्षों द्वारा नामांकित कार्मिकों को एयरपोर्ट पर आयोजित हिंदी भाषा के प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए जिससे राजभाषा हिंदी का कार्य सुचारू रूप से किया जा सके तथा वार्षिक लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
डॉ सुनील लोका ने कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भाषा का प्रशिक्षण बहुत ही आसान है और इसके लिए हिंदी प्राध्यापकों की नियुक्ति चेन्नई शहर में की गई है, जिनकी सेवाएं ली जा सकती है। प्रथम सत्र में डॉ. सुनील लोका द्वारा भारत सरकार की राजभाषा नीति पर विस्तृत विवरण एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया गया तथा प्रतिभागियों से विचार विमर्श करके राजभाषा को बढ़ावा देने पर बल दिया। दूसरे सत्र मे डॉ. इन्दिरा रानी थॅामस ने पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी। तीसरे सत्र में निशांत यादव, प्रबंधक (राजभाषा) सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हिंदी का प्रयोग विषय पर बताया। साजी सी अब्राहम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।