महिला सशक्तिकरण आर्थिक स्वतंत्रता व सामाजिक स्वतंत्रता से ही सम्भव : डा. वी. शांता
चेन्नईPublished: Mar 11, 2019 03:24:28 pm
महिला सशक्तिकरण अगर सही मायने में करना है तो जरूरी है कि हम महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वतंत्र बनाएं।
महिला सशक्तिकरण आर्थिक स्वतंत्रता व सामाजिक स्वतंत्रता से ही सम्भव : डा. वी. शांता
चेन्नई. महिला सशक्तिकरण अगर सही मायने में करना है तो जरूरी है कि हम महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वतंत्र बनाएं। इंडियन बैंक द्वारा महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैंसर इंस्टीट्यूट की चेयरमैन डा. वी. शांता ने कहा महिला सशक्तिकरण पर हमारे देश में पिछले कुछ सालों से काम तो हो रहा है पर उसमें तेजी लाने की जरूरत है। यही नहीं महिलाओं को जागरूक करने के लिए जरूरी है कि जिन महिलाओं ने समाज के सशक्तिकरण के लिए काम किया या फिर अपनी कोई पहचान बनाई हो तो हम उनकी पहचान कर उनको सम्मानित करें और इसे जारी रखें। उन्होंने कहा कि शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता ही असलियत में महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करती है। महिलाओं को खुद के सशिक्तकरण के दौरान समाज में ऐसी छाप छोडऩी चाहिए जो औरों को भी प्रभावित करे। खुद एक रोल मॉडल के तौर स्थापित करें जो महिलाओं को ही नहीं सभी को प्रभावित और प्रेरित करे।
इस मौके पर इंडियन बैंक की प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद्मजा चुंदुरु ने बैंक द्वारा महिलाओं के लिए विशेष बैंकिंग उत्पाद ‘आई-सुरभि’ लांच किया। उन्होंने कहा कि महिला शक्ति का स्वरूप है। हमें अपनी पहचान भूलनी नहीं चाहिए। साथ ही कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति सोच को बदलने की जरूरत है। रोजगार, उद्योग और व्यवसाय के क्षेत्र में लोगों की सोच के साथ-साथ महिलाओं को भी अपनी सोच बदलने की जरूरत है। इस मौके पर डा. वी. शांता समेत संगीतकार पी. सुशीला, योग प्रशिक्षक वी. ननमाल, लोक कलाकार विजयलक्ष्मी नवनीतकृष्णन, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की मां मैथिली, तमिलनाडु सरकार की विशेष सचिव सुगंधी, आईपीएस अधिकारी एस. लक्ष्मी, दमकल विभाग की मीनाक्षी विजयकुमार, खिलाड़ी सेलिना दीप्ति, शहीद जवान की विधवा शोभा सुधाकर और अकरै सिस्टर्स को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बैंक के कार्यकारी निदेशक एम.के. भट्टाचार्य समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।