ऊर्जा बचत, सीओटू उत्सर्जन में कमी और लोकोमोटिव निर्माण
-विकास की दिशा में रेलवे के बढ़ते कदम
चेन्नई
Published: January 23, 2022 02:11:49 pm
चेन्नई. दक्षिण रेलवे के लिए पिछला साल 2021 उपलब्धियों भरा रहा। इसके साथ ही जोन ने विकास के क्षेत्र में कई लक्ष्यों को हासिल किया। रेलवे नेटवर्क के विस्तार के साथ साथ सुरक्षा के क्षेत्र में भी विकास दर्ज किया गया। बिजनेस डवलप्मेंट यूनिट के प्रयासों से पिछले साल नवम्बर तक 70,00,58 टन की लोडिंग की गई। इससे 67.18 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इसके अलावा ओरीजिनेटिंग रेवेन्यू में 137.95 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। ऊर्जा उत्पादन के तहत पांच गुणा 2.1 मेगावाट के विन्डमिल प्लांट्स से नवम्बर तक 2,21,91,029 केडब्ल्यूएच का उत्पादन हुआ। क्रीव डुअल मोड (प्रकृति) टावर कार का विकास आवड़ी वर्कशाप में किया गया। इसका संचालन बैट्रो मोड या ओएचई में किया जा सकता है। इससे सीओटू उत्सर्जन में 47,520 किलोग्राम की कमी आएगी। साथ ही 18,000 लीटर डीजल की बचत होगी। इससे हर साल 15 लाख रुपए के बचत की उम्मीद है। डा.एमजीआर चेन्नई सेंट्रल दिन के समय की अपनी शत प्रतिशत ऊर्जा जरूरतें प्लेटफार्म सेल्टर के ऊपर स्थापित सोलर पैनलों (1.5 एमडब्ल्यूपी) से करता है। इसके अलावा 10.5 मेगावाट क्षमता के विन्ड मिल प्लांट्स से 70 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इससे 38 करोड़ रुपए की बचत हो सकेगी। डुअल मोड शंटिंग लोकोमोटिव ने डीजल शंटिंग लोको की जरूरत को समाप्त कर दिया। इससे 3.66 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत हो रही है। इसी साल गोल्डेन राक वर्कशाप में पहले स्वदेशी निर्मित कोयला फायर्ड क्लास स्टीम लोकोमोटिव का निर्माण किया गया। यह नीलगिरि माउंटेन रेलवे में काम करने में सक्षम है। 72 बड़े रेलवे स्टेशनों में से 63 स्टेशनों ने संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कंसेंट टू आपरेट हासिल किया। कोरोना प्रबंधन के मामले में भी रेलवे ने बेहतर काम किया। विभिन्न रेलवे अस्पतालों एवं स्वास्थ्य इकाइयों में 10,285 कोरोना रोगियों का इलाज किया गया। पेरम्बूर हास्पिटल के नए कोविड ब्लाक में 4241 रोगियों का इलाज किया गया। वे स्वस्थ हो चुके हैं।

ऊर्जा बचत, सीओटू उत्सर्जन में कमी और लोकोमोटिव निर्माण
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