रामचंद्रा इंस्टीट्यूट में शुरू हुआ इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम
चेन्नईPublished: Aug 01, 2019 01:44:17 pm
Shri Ramchandra Institute of Higher Education and Research ने बुधवार को बी.टेक में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विषय की शुरुआत की।
रामचंद्रा इंस्टीट्यूट में शुरू हुआ इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम
चेंन्नई. श्री रामचंद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च Shri Ramchandra Institute of Higher Education and Research ने बुधवार को बी.टेक में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विषय की शुरुआत की। इस कोर्स में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड मशीन लर्निंग, साबर सिक्योरिटी एंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लेंडिंग इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विद मेडिसिन साइंस विषयों की पढ़ाई होगी। इस मौके पर फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी प्रोवोस्ट प्रोफेसर वी. राजू ने कहा हम इन पाठयक्रमों में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोफेसर विद्यार्थियों को वैश्विक रोल के लिए तैयार करेंगे। इन विद्यार्थियों को इंडस्ट्रियल इंटर्नशिप के साथ विदेशों के ख्यातिप्राप्त संस्थानों में प्रायोगिक शिक्षा के लिए भेजा जाएगा।
कोर्स के उद्घाटन के मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति वी.आर. वेंकटाचलम ने कहा कि अंत: विषय विज्ञान, इंजीनियरिंग और तकनीकी के क्षेत्र में आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट थिंग्स, साइबर सिक्योरिटी व अन्य तकनीक का विकास हो रहा है। अगले दस सालों में सभी उद्योग क्षेत्र में इसकी मांग बढ़ेगी और यह हर वर्ग के लोगों को प्रभावित करेगी। हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जिस प्रकार से इस तकनीक का विस्तार हो रहा है हमें अकादमी और इंडस्ट्री के सहयोग से वैसे प्रोफेशनल तैयार करने की जरूरत है। आईआईटी मद्रास के कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के प्रोफेसर डा. प्रत्यूष पांडे ने कहा भारत के लोगों की समस्या के लिए तकनीक क्या कर सकती है यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस साबित कर पाएगा। ऑटोनोमस कार, टेक्स जनरेट करने और रोबो कॉलिंग में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने खुद को साबित किया है पर इसके बारे में लोगों में अभी भी काफी संशय है।
रामचंद्रा में अस्पताल के बड़े डेटा के साथ इंजीनियर और डाक्टर मिलकर रोगी देखभाल के क्षेत्र में कई विशिष्ट अवसर देगा। इस मौके पर विप्रो के टैलेंट एक्यूजीशन के निदेशक वी. विश्वनाथन, यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के रिसर्च एसोसिएट प्रोफेसर सुंदर श्रीनिवासन, एसआरआईएचईआर के कुलपति डा. पी. वी. विजयराघवन, इंटरनेशनल रिलेशंस के निदेशक डा. टीके पार्थसारथी, डीन रिसर्च डा. एसपी त्यागराजन, डीन ऑफ फैकल्टीज डा. महेश वकामुदि समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
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