मजिस्ट्रेट ने सातानकुलम थाने में कार्यरत हेडकांस्टेबल रेवती से पूछताछ की। उसका बयान था कि पिता जयराज और बेटे बेनेक्स को रात से लेकर सुबह तक लाठियोंं से पीटा गया। इन दोनों की पिटाई इतनी जबरदस्ती की गई कि मेज और लाठियों पर खून के धब्बे लग गए।
मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में यह विवरण था कि सातांकुलम थाने में वे 28 जून को दस बजे गए। थाने में मामले से जुड़े रिकॉर्ड, फाइल तथा राइटर द्वारा लिखे गए विवरण की जांच की। फिर हाईकोर्ट के निर्देश पर थाने के सीसीटीवी फुटेज के रिकॉर्ड जुटाए गए।
नष्ट किए गए फुटेज
रिपोर्ट के अनुसार थाने में 19 जून से जुड़े सभी सीसीटीवी साक्ष्य कम्प्यूटर से नष्ट कर दिए गए थे। सीसी कैमरों की सेटिंग इस तरह कर दी गई थी कि प्रतिदिन का डेटा स्वत: डिलीट हो जाता था। जबकि सर्वर में डेटा स्टोर करने की पर्याप्त जगह थी।
महिला पुलिस की गवाही
सातांकुलम की महिला पुलिसकर्मी रेवती व साक्षी जज को बयान देते वक्त आतंकित नजर आईं। दोनोंं को भय था कि उनको धमकियां मिलेंगी। बकौल रेवती, बंदी बनाकर लाए गए पिता-पुत्र को रातभर पीटा गया। इस वजह से लाठियां व मेज पर खून के निशान रह गए। रेवती ने मजिस्ट्रेट बयान में कहा कि सिपाही महाराजन ने उसके कान में आहिस्ता से कहा कि तुम कुछ नहीं उखाड़ सकती। हालांकि रेवती ने उनकी बयानी वाले पत्र पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया। सिपाही महाराजन ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया। उसकी लाठी को लेकर भी उसने अस्पष्ट जवाब दिए।