परिवारजनों से सीखे कारोबार के गुर पवन कुमार ने अपनी राह स्वयं ही चुनी और मंजिल पर पहुंचने में सफलता भी पाई। कोचेटा ने अपने बल पर जीवन की राह आसान बनाई और आगे बढ़ते गए। राजस्थान के नागौर जिले के बस्सी गांव में जनवरी 1972 में भागचंद कोचेटा के यहां जन्मे पवन कुमार ने गांव में चौथी कक्षा तक की पढ़ाई की। इसके बाद 1993 में चेन्नई में रहने वाले अपने मामा महावीरचंद टोडवाल के पास आए, जहां से तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर वापस चेन्नई लौटे तो अपने मामा का इलेक्ट्रिक का व्यवसाय देखकर उन्होंने यही व्यवसाय करने का मन बनाया और उन्हीं के पास काम करने लगे।
संस्थाओं से जुड़कर कर रहे सामाजिक कार्य पांच साल तक काम सीखने के बाद उन्होंने चेन्नई में ही अपना इलेक्ट्रिक का व्यवसाय शुरू किया जिसे बढ़ाया और उसमें एक-एक करके अपने दोनों भाइयों को भी शमिल कर लिया। व्यवसाय के दौरान ही उन्होंने हैदराबाद यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की डिग्री हासिल की। व्यवसाय बढऩे के साथ ही वे कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।