इस छापे के बाद आयकर विभाग के राज्य सरकार को पत्र भेजने की बात अब सामने आई है जिसमें कथित रूप से उन पर कार्रवाई करने का संदर्भ है। विभाग ने पत्र में कहा कि सात अप्रेल को छापेमारी में २० लाख रुपए बरामद किए जिनमें १२.९६ लाख रुपए अलग-अलग पैकेट में थे। इस राशि में से १२ लाख बेहिसाबी थी। स्वास्थ्य मंत्री के पिता चिन्नतम्बी के आयकर विभाग को दिए बयान की एक प्रति मीडिया में जारी हुई थी। जिसमें इस छापेमारी और राशि को लेकर उनकी स्वीकारोक्ति थी। इसके बाद से स्वास्थ्य मंत्री फिर से विवादों में घिर गए हैं। सभी तरफ से उनको हटाने की मांग की जा रही है।
सरकार के आला अधिकारी ने भी आयकर विभाग से पत्र मिलने और उस पर कार्रवाई के लिए डीवीएसी को अग्रेषित करने की बात कबूली है। उधर, मंत्री पिता ने आयकर विभाग को दिए ऐसे किसी भी बयान से नकार दिया। उनकी प्रतिक्रिया थी कि हमसे कोई बेहिसाबी आय बरामद नहीं की गई है। जबरन गलत सूचनाएं फैलाई जा रही है।
मंत्री विजय भास्कर ने भी कहा कि मेरे और परिजनों के आवास पर हुई छापेमारी में आयकर विभाग को कोई अवैध राशि नहीं मिली। विभाग को न ही ऐसा कोई दस्तावेज मिला है। विभागीय परिपत्र भेजे जाने के नाम पर दुष्प्रचार किया जा रहा है। अब इस पर क्या कहा जाना चाहिए उनको नहीं पता। उन्होंने कोई गलत कार्य नहीं किया है और इस मामले को कानूनी तरीके से निपटेंगे।
मंत्री विजय भास्कर ने भी कहा कि मेरे और परिजनों के आवास पर हुई छापेमारी में आयकर विभाग को कोई अवैध राशि नहीं मिली। विभाग को न ही ऐसा कोई दस्तावेज मिला है। विभागीय परिपत्र भेजे जाने के नाम पर दुष्प्रचार किया जा रहा है। अब इस पर क्या कहा जाना चाहिए उनको नहीं पता। उन्होंने कोई गलत कार्य नहीं किया है और इस मामले को कानूनी तरीके से निपटेंगे।