चेन्नई

72 वर्ष बाद बनी कच्ची सड़कों से ग्रामीणों में खुशी की लहर

ज्यादातर लोग पैदल ही वानियम्बाड़ी तक आते फिर वहां से बस से अपने कार्य स्थल पर जाते। इन गांवों के लिए एक आरंभिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्रारंभिक स्कूल है लेकिन सड़क सुविधा न होने से चिकित्सक एवं शिक्षक रोजाना न आकर 10-15 दिन में एक बार आते थे।

चेन्नईJun 24, 2020 / 07:42 pm

Dhannalal Sharma

72 वर्ष बाद बनी कच्ची सड़कों से ग्रामीणों में खुशी की लहर

तिरुपत्तूर. जिले के वानियम्बाड़ी से करीब 18 किलोमीटर दूर नेरकानमलै पर्वतीय क्षेत्र में करीब 20 से भी ज्यादा गांव बसे हैं जिनमें सैकड़ों परिवार निवास करते हैं। आजादी के 72 वर्ष गुजरने के बावजूद इन गांवों से जिला मुख्यालय जाने के लिए एक भी सड़क का निर्माण नहीं किया गया जिससे इन गांवों के लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। ज्यादातर लोग पैदल ही वानियम्बाड़ी तक आते फिर वहां से बस से अपने कार्य स्थल पर जाते। इन गांवों के लिए एक आरंभिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्रारंभिक स्कूल है लेकिन सड़क सुविधा न होने से चिकित्सक एवं शिक्षक रोजाना न आकर 10-15 दिन में एक बार आते थे। अचानक कोई वृद्ध बीमार पड़ता था या गर्भवती को प्रसव के लिए अस्पताल लेकर जाना हो तो डोली बनाकर वहां के युवा पैदल ही पर्वत से उतर कर वानियम्बाड़ी पहुंचते और फिर वहां से किसी वाहन के जरिए अस्पताल लेकर जाते थे। कई बार तो रास्ते में ही मरीज दम तोड़ देता था। छात्र व छात्राएं भी स्कूल व कालेज के लिए पैदल आवागमन करते थे। जिला प्रशासन से कई दफा सड़क बनवाने की मांग करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई।
मंत्री व कलक्टर भी पैदल चलकर गए गांव
गत तीन महीने पूर्व नेरकानमलै गांव के एक युवक की कर्नाटक में काम करते समय करंट लगने से मृत्यु हो गई और उसका शव वाहन से वानियम्बाड़ी तक लाया लेकिन गांव लेकर जाने के लिए परिजन काफी परेशान हो गए। फिर शव को डोली के जरिए पैदल उसके गांव पहुंचाया गया। इसी तरह गांव की एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए लोगों ने डोली के जरिए अस्पताल पहुंचाया जहां बड़ी मुश्किल से उसकी व बच्चे की जान बची। इन दोनों घटनाओं की जब अखबार में खबर छपी तब राज्य के कर व वाणिज्य मंत्री के. सी. वीरमणि एवं कलक्टर शिवन अरुल दोनों पैदल चलकर नेरकानमलै पर्वतीय गांव पहुंचे और ग्रामीणों से मुलाकात कर उन लोगों की समस्याएं व मांगें सुनी। गांववसियों की पहली प्राथमिकता सड़क निर्माण करने की थी। मंत्री ने शीघ्र ही सड़क निर्माण करने का आश्वासन देने के साथ ही अन्य समस्याओं का भी समाधान करने की बात कही।
दो माह में बनी सड़क
ग्रामीणों के आवागमन की समस्या को देखते हुए मंत्री व कलक्टर ने इन दो माह के भीतर वानियम्बाड़ी से नेरकानमलै पर्वतीय क्षेत्र के गांवों तक कच्ची सड़क का निर्माण करवा दिया। मंगलवार सुबह मंत्री के.सी. वीरमणि व श्रमिक कल्याण मंत्री नीलोफर कबीलव कलक्टर शिवन अरुल ने कच्ची सड़क का उद्घाटन कर नेरकानमलै पर्वतीय क्षेत्र के गांव पहुंचे। गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों ने मंत्रियों व कलक्टर की आरती उतार कर आभार प्रकट किए।
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