जीएसटी के प्रधान आयुक्त (चेन्नई नॉर्थ) एम. श्रीधर रेड्डी के अनुसार फर्जी बीजक बनाकर टैक्स चोरी करने वाले वितरकों को पकडऩे के लिए अभियान चलाया गया था। साहुकारपेट के विभिन्न इलाकों में जीएसटी जांच दल ने दबिश दी। फर्जी बिलों और बीजक का उपयोग सोना, जूलरी, स्टील, प्लास्टिक, फैब्रिक और टिम्बर उत्पादों के कारोबार में हुआ है। व्यापारी ने फर्जी नाम से रजिस्ट्रेशन करा रखे थे। यह सर्वे १५ नवम्बर से शुरू किया गया था।
इस सर्वे में पता चला कि दानाराम इन फर्जी बिलों व बीजकों के जरिए कर चोरी करने वाला मास्टरमाइंड है। उसे जीएसटी कानून की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। उसने करीब ३५२ करोड़ रुपए का कारोबार दिखाया। दानाराम से हुई पूछताछ में उसने बताया कि इन कंपनियों का कोई वजूद नहीं है। इन फर्जी कंपनियों के नाम पर उसने कारोबार और सौदे दिखाए। आगे की कार्रवाई जारी है।
प्रधान आयुक्त ने कहा कि दानाराम ने बताया कि साहुकारपेट में जीएसटी चोरी करने वाले कारोबारियों का एक समूह सक्रिय है। उसकी निशानदेही पर पड़ताल को आगे जारी रखा जाएगा। फिलहाल उसके सहयोगी कैलाश की तलाश की जा रही है।
गत अप्रेल महीने में जीएसटी आयुक्तालय ने कोयम्बत्तूर की मंत्रा इंडस्ट्रीज जो तमिलनाडु अरसु केबल टीवी निगम को सैट टॉप बॉक्स की आपूर्ति करती है को ५० करोड़ रुपए की कर चोरी में लिप्त पाया था।