चेन्नई. सहकारिता विभाग ने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में नए सदस्यों को नामांकित करने के अलावा इस वित्तीय वर्ष में किसानों को 11,500 करोड़ रुपए का फसल ऋण देने की योजना बनाई है। सहकारिता मंत्री आई. पेरियासामी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राथमिक कृषि सहकारी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे फसल ऋण के वितरण से पहले अधिक से अधिक किसानों को नए सदस्यों के रूप में नामांकित करें।
किसानों का नामांकन
तिरुनेलवेली, तेनकासी, थूथुकुडी और कन्याकुमारी जिलों के प्राथमिक कृषि सहकारी बैंकों (पीएसीबी) और सहकारी बैंकों के संचालन की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद उन्होंने कहा कि पीएसीबी को अधिक से अधिक किसानों को नामांकित करने का निर्देश दिया गया था किसान समूहों को ऋण देने के अलावा पीएसीबी को व्यक्तिगत किसानों को भी ऋण देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही गैर-किसानों को पीएसीबी के माध्यम से ऋण देने को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों का स्टॉक
उर्वरक की उपलब्धता पर पेरियासामी ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य भर में पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों का स्टॉक किया है ताकि किसानों को आगामी फसल के मौसम के लिए सही समय पर और सही कीमतों पर मिल सके। मंत्री ने उन स्थानों पर धान प्रत्यक्ष खरीद केंद्र (डीपीसी) स्थापित करने का भी वादा किया जहां आगामी फसल के दौरान डीपीसी की आवश्यकता थी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं बनाएगी और केले और सहजन के लिए बेहतर खरीद मूल्य सुनिश्चित करेगी।
ये अधिकारी रहे मौजूद
समीक्षा बैठक में मंत्री अनीता आर. राधाकृष्णन, पी. गीता जीवन और टी. मनो थंगराज, तिरुनेलवेली के जिला कलक्टर वी. विष्णु और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
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