कृषि जनगणना २०१५ के अनुसार राज्य में किसानों की आबादी ८० लाख थी। इसके अलावा धरतीपुत्रों की बसावट का कोई ठोस आंकड़ा कहीं उपलब्ध नहीं है। जो इस बात का साक्ष्य है कि सरकार इनके प्रति कितनी गंभीर है। प्राकृतिक आपदाओं का शिकार रहने वाले किसानों का कर्ज में डूबना और फिर आत्महत्या करना आम है। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के अनुसार २०१९ में ४२७ किसानों ने खुदकुशी की।
केंद्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध का असर राज्य में भी पड़ा। सत्तारूढ़ एआईएडीएमके जो भाजपा की सहयोगी है सहित सभी मान्यता प्राप्त दलों ने किसानों को अपने चुनाव घोषणा पत्र में जगह दी है। सीएम ईके पलनीस्वामी ने तो उनको रिझाने की शुरुआत १२११० करोड़ के सहकारी कर्जा माफी के साथ कर दी थी। फिर उनको थ्री फेज की २४घंटे की बिजली भी दी। ये दोनों योजनाएं चुनाव की घोषणा से दो सप्ताह पहले की थी।
-भाजपा के खिलाफ चुनाव
तमिलनाडु किसान संघ के नेता पी. अय्याकन्नू ने राजस्थान पत्रिका को बताया हमें किसी सरकार या पार्टी से हमे उम्मीद नहीं है। Tamil Nadu Assembly Elections 2021 चुनाव के दौरान किए गए वादे इसके साथ ही समाप्त हो जाते हैं। हम इस चुनाव में किसी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे। लेकिन हमने तय किया है कि भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ अरवाकुरिचि, तिरुवण्णामलै, तिरुवैयारू और कडलूर समेत पांच विस क्षेत्रों में प्रत्याशी उतारेंगे। हम किसान चाहते हैं कि अगर सरकारी कर्मचारी की पगार १०० रुपए बढ़ाई जाती है तो हमें पांच रुपया तो मिले।
-किसान संबंधी फैक्ट फाइल
– कावेरी डेल्टा के ८ जिलों में करीब २० से २५ लाख किसान
– इन जिलों में ६० के करीब विस सीट
– फसल बीमा योजना में बीमित किसान २४.२१९ लाख
– पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी किसान ४८६३३५४
–किसानों से जुड़े मसले
– कर्नाटक से कावेरी का पानी
– आपदा के वक्त उनकी सुरक्षा के ठोस उपाय नहीं होना
– हालिया पारित कृषि बिल
– किसानों का कर्जा व बिजली