सेंट्रल चेन्नई में अभिभावक-शिक्षक संघ के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के कार्यालय में याचिका दायर कर स्कूल फीस में कमी और नियमन की मांग की थी। अब उन्हें खुशी है कि कुछ निजी स्कूलों ने अभिभावकों को सर्कुलर भेजकर उन्हें वसूली गई अधिक फीस वापस करने की सूचना दी। हालांकि लॉकडाउन में ऐसी खबरें सामने आ रही थी कि निजी पॉश स्कूल कोरोना लॉकडाउन के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित अभिभावकों से पूरी फीस वसूल रहे हैं।
चेटपेट में एक निजी स्कूल है जिसने छात्रों के लिए एसी क्लास के रखरखाव और मरम्मत शुल्क के साथ-साथ टर्म फीस कम करने का फैसला किया है। स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को पाठ्यपुस्तकों के साथ सरकार द्वारा निर्धारित 75 प्रतिशत फीस घटाने की रकम डीडी के रूप में वापस ले जाए।
एक निजी स्कूल के अधिकारी ने बताया कि एसी और रखरखाव शुल्क वापस करने का फैसला किया है और सरकार के निर्देश के अनुसार फीस भी कम कर दी गई है। उन्होंने कहा कि माता-पिता अपने बच्चे के भविष्य के भुगतान के लिए फीस समायोजित कर सकते है और यदि वे अपने बच्चों को हमारे स्कूल से स्थानांतरित कर रहे हैं तो रिफंड ले सकते हैं।
हालांकि, राज्य सरकार और मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद कुछ स्कूल अभी भी फीस वापस करने के मामले पर चुप्पी साधे हुए है। सेंट्रल और साउथ चेन्नई के कई स्कूल राज्य सरकार और मद्रास हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित शुल्क में कमी पर चुप्पी साधे हुए हैं। ये स्कूल अगले महीने स्कूल खोलने पर विचार कर रहे है।