बतादें कि विगत मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट ने ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन को सख्त निर्देश दिया था कि एनएससी बोस रोड पर वाहनों की अवैध पार्किंग को जल्द से हटाया जाए। हालांकि हाईकोर्ट ने यह निर्देश एक ६० वर्षीय महिला वंदना आचार्य की याचिका की सुनवाई के बाद दिया है। निर्देश में इस बात का उल्लेख है कि एनएससी बोस रोड का फुटपाथ का बनाने पर ५० करोड़ से भी अधिक धनराशि खर्च हो जाने के बाद भी यदि इस फुटपाथ को उपयोग राहगीर नहीं कर पाए तो दुर्भाग्यपूर्ण है।
बहरहाल एत्तिराज सालै, हैडोस रोड, कॉलेज रोड आदि का फुटपाथ भी पार्किंग में तब्दील हो गया है। इसका परिणाम यह है कि पैदल आवागमन करने वालों को सड़क से गुजरना होता है जो किसी खतरे से कम नहीं होता। अतिक्रमण के कारण फुटपाथ के निर्माण का उद्देश्य ही पूरा नहीं होता।