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किसानों को अधिक जानकारी के लिए मोबाइल ऐप उळवन जारी

locationचेन्नईPublished: Apr 17, 2018 09:54:26 pm

राज्य सरकार ने किसानों को तकनीकी से जुड़ी जानकारी देने, किसान उत्पाद का मूल्य दिलाने और फसल बीमा के विवरण से लेकर नौ अलग-अलग फीचर से…

For more information to farmers, release mobile app

For more information to farmers, release mobile app

चेन्नई।राज्य सरकार ने किसानों को तकनीकी से जुड़ी जानकारी देने, किसान उत्पाद का मूल्य दिलाने और फसल बीमा के विवरण से लेकर नौ अलग-अलग फीचर से युक्त मोबाइल ऐप उळवन जारी किया है। शनिवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार उळवन ऐप की मदद से किसानों को रीयल टाइम बेसिस पर कृषि और कृषि उत्पाद से जुड़ी जानकारी उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री पलनीस्वामी ने मोबाइल ऐप लांच किया। ऐप को गुगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप से किसानों को फार्म सब्सिडी, बुक फार्म उपकरण, संबंधित बुनियादी ढांचे पर जानकारी के साथ साथ फसल बीमा से जुड़े विवरण प्राप्त कर सकते हंै।

इसके अलावा अगले चार दिनों तक मौसम पूर्वानुमान की जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। ऐप में तमिल और अंग्रेजी भाषा का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही सरकार और निजी दुकानों में बीज और उर्वरकों की उपलब्धता के बारे में जानकारी मिल सकेगी। सरकार का यह कदम किसानों को प्रौद्योगिकी से जोडऩा है। पलनीस्वामी ने अम्मा बायो-फर्टिलाइजर योजना का शुभारंभ किया।

कुलपति चयन प्रक्रिया में कोई बाहरी दखल नहीं, राजनीतिकरण नहीं किया जाए

अण्णा विश्वविद्यालय का नया कुलपति कर्नाटक मूल के डा. एम. के. सूरप्पा को बनाए जाने के बाद उपजे विवाद और चहुंओर हो रही आलोचना को विराम देने की कोशिश में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की ओर से राजभवन से शनिवार को सफाई पेश की गई। राजभवन ने एक आधिकारिक वक्तव्य में पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और बाहरी दखल से परे बताया।

विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में अण्णा विवि समेत ६ विवि में कुलपतियों का पद ६ अक्टूबर २०१७ से रिक्त था। तब से अब तक ५ कुलपतियों की नियुक्ति हो चुकी है। इनमें से एक अपवाद तमिलनाडु फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के वीसी का था क्योंकि सर्च पैनल में सरकार का नामित सदस्य नहीं था। अण्णा विवि समेत सभी पांचों कुलपतियों की नियुक्ति निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही हुई है। ३० नवम्बर को उच्च शिक्षा विभाग के आदेश के तहत तीन सदस्यीय सर्च कमेटी बनाई गई जिसमें कुलाधिपति, सरकार व विवि की सिण्डीकेट का एक-एक सदस्य था।

फिर वीसी पद के लिए यूजीसी एक्ट और प्रावधानों के तहत आवेदन मांगते हुए इश्तहार दिया गया। सर्च कमेटी ने गहन जांच के बाद ९ आवेदकों के नाम साक्षात्कार के लिए तय किए। ३१ मार्च को निजी साक्षात्कार के बाद सर्च कमेटी ने तीन नामों की सूची राज्यपाल जो कि कुलाधिपति भी हैं को दी। सर्च कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वीएस सिरपुरकर, पूर्व आईएएस अधिकारी डा. एन. सुंदरदेवन व आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डा. आर. ज्ञानमूर्ति थे। यह कमेटी ३० नवम्बर २०१७ को चार महीने के लिए गठित की गई थी।

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सर्च कमेटी द्वारा सौंपी गई तीन नामों की सूची में डा. एच. देवराज, डा. एस. पोन्नुसामी व डा. एम. के. सूरप्पा शामिल थे। तीनों ही पिछड़े वर्ग से हैं। तीनों के शैक्षणिक अनुभव का विवरण देते इसमें कहा गया कि डा. सूरप्पा को आईआईटी रोपड़ के निदेशक के रूप में छह वर्ष का प्रशासकीय अनुभव भी था। तीनों के अकादमिक व प्रशासनिक अनुभव पर कुलाधिपति ने चिंतन किया और ५ अप्रेल को ही साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुलपति का नाम तय करते हुए विज्ञप्ति जारी कर दी गई ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे।

विज्ञप्ति में विश्वास दिलाया गया है कि यह नियुक्ति अण्णा विवि की मौजूदा जरूरत को ध्यान मेें रखकर की गई है। विवि को ऐसे वीसी की जरूरत है जो तमिलनाडु में तकनीकी शिक्षा को भली-भांति समझे और विवि के भविष्य को संवार सके। चयन प्रक्रिया निर्धारित नियमों व प्रावधानों के अनुरूप है।

सर्च कमेटी द्वारा सुझाए गए तीन नामों में से ही एक विकल्प को चुना गया है। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी व निष्पक्ष रही। इस दौरान अण्णा विवि और संबद्ध कॉलेजों की फेकल्टी व विद्यार्थियों को जेहन में रखा गया। चूंकि पूरी चयन प्रक्रिया में किसी तरह की बाहरी दखल नहीं थी और कुलपति का चयन पूरी तरह विधिक प्रक्रिया के तहत था इसलिए इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

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