स्कूली बच्चों के लिए अब अनिवार्य होगा शारीरिक व्यायाम
चेन्नईPublished: Apr 13, 2019 12:59:46 pm
राज्य का शिक्षा विभाग जल्द ही राज्य के सभी स्कूलों के बच्चों के लिए शारीरिक प्रशिक्षण (पीटी) अनिवार्य करेगा।
स्कूली बच्चों के लिए अब अनिवार्य होगा शारीरिक व्यायाम
चेन्नई. राज्य का शिक्षा विभाग जल्द ही राज्य के सभी स्कूलों के बच्चों के लिए शारीरिक प्रशिक्षण (पीटी) अनिवार्य करेगा। अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद इस ओर निर्णय लिया गया है और जल्द ही परिपत्र भी जारी किया जाएगा। कुछ विद्यार्थियों के अभिभावकों का आरोप है कि नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पीटी के समय किसी और विषय का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सरकारी स्कूल की दसवीं कक्षा की एक छात्रा के पिता लक्ष्मीनारायण ने कहा कि त्रैमासिक परीक्षा पूरी होने के बाद शिक्षकों द्वारा पीटी की समय सीमा का इस्तेमाल कर अन्य तैयारी कराई जाती है। इससे विद्यार्थियों का मानसिक तनाव भी बढ़ता है।
लक्ष्मीनारायण ने उच्च शिक्षा अधिकारियों से मुलाकात कर शिकायत की। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी स्कूल की थ्रोबॉल टीम से खेलती थी पर शिक्षकों द्वारा पढ़ाई पर ध्यान देने की बात कहने से उसे खेल छोडऩा पड़ा। यह शिक्षकों को समझना चाहिए कि एक घंटे का शारीरिक व्यायाम करने से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के सभी स्कूलों को सप्ताह में दो दिन के लिए शारीरिक व्यायाम और खेल के लिए दो घंटे आवंटित हुए हैं। उच्च माध्यमिक कक्षाओं में जाने के बाद भी सभी के लिए यह नियम अनिवार्य है। यह विद्यार्थियों के समग्र विकास की कुंजी है इसके लिए इस प्रक्रिया को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
टी.नगर स्थित सरकारी गल्र्स हाई स्कूल की प्रिंसिपल ने विभाग के इस पहल की प्रशंसा की। साथ ही कहा कि सभी विद्यार्थियों को खेलने और व्यायाम करने दिया जाना चाहिए। तमिलनाडु स्टूडेंट्स और पैरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एस. अरुमेनाथन ने बताया कि स्कूलों के प्रमुख अधिकारियों को भी नियमति रूप से स्कूलों का निरीक्षण कर देखना चाहिए कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं। यह विचार सरासर गलत है कि स्कूलों में अगर बच्चे खेलेंगे तो वे परीक्षा में अच्छा प्रशर्दन नहीं कर पाएंगे। बल्कि अगर बच्चे नहीं खेलेंगे तो उनका मानसिक विकास नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने अपने सहयोगी स्कूलों में शारीरिक व्यायाम की कक्षा अनिवार्य की थी।