चेन्नई

सार्वजनिक जगहों पर गणेश प्रतिमाओं पर प्रतिबंध के बाद घरों में गाय के गोबर से बनी गणेश प्रतिमाओं की मांग बढ़ी

सार्वजनिक जगहों पर गणेश प्रतिमाओं पर प्रतिबंध के बाद घरों में गाय के गोबर से बनी गणेश प्रतिमाओं की मांग बढ़ी- पर्यावरण की दृष्टि से एवं वातावरण के लिहाज से शुद्ध- देशी गाय के संरक्षण को मिलेगी मदद

चेन्नईSep 08, 2021 / 11:56 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

GANESH chaturthi

चेन्नई. राज्य में सार्वजनिक स्थलों पर गणेश प्रतिमाओ की स्थापना पर पाबंदी के चलते इस साल घरों में गाय के गोबर से बनी गणेश प्रतिमाओं की मांग अचानक बढ़ गई है। राज्य में कोरोना के प्रसार के चलते गणेण महोत्सव की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में विभिन्न चौराहों व मार्ग्रों के पास स्थापित की जाने वाली गणेश प्रतिमाएं इस बार नहीं दिखाई देगी। ऐसे में लोग अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित करेंगे।
कुछ समय से मांग में तेजी
गाय के गोबर को पर्यावरण की दृष्टि से एवं वातावरण के लिहाज से शुद्ध माना गया है। यह रेडिएशन को भी रोकता है। पिछले दो-तीन साल से गाय के गोबर से बनी गणेश प्रतिमाओं की डिमांड होने लगी है। चेन्नई में भी कई स्थानों पर गाय के गोबर से बनी गणेश प्रतिमाएं मिल रही है।
देशी गाय का महत्व अधिक
भारतीय देशी गाय का खूब महत्व है। लोगों को इसके प्रति जागरुक करने की जरूरत है। दैनिक जीवन में गाय की पूजा का भी खूब महत्व है। पंचगव्य की दवा लम्बे समय तक खराब भी नहीं होती। कई बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है। राजस्थान की थारपारकर, राठी गुजरात की कांकरेच, गिर, मध्यप्रदेश की मालवी गायों के बने गोबर से बनी प्रतिमाओं की डिमांड अधिक है।

गुजरात के जामनगर से मंगवाई प्रतिमाएं
इस बार गाय के गोबर से बनी 11 ईंच की गणेश प्रतिमाएं गुजरात के जामनगर से मंगवाई गई है। इन प्रतिमाओं की इस बार खूब मांग है। इसमें गोबर के साथ मुलतानी मिट्टी का प्रयोग किया गया है। प्रतिमा में भगवान गणेश का पूरा लुक दिया गया है। आजकल ऐसी प्रतिमाओं की देशभर में मांग बनी हुई है। गाय के गोबर की बनी प्रतिमाओं की डिमांड से निश्चित ही गाय के संरक्षण में भी मदद मिल सकेगी।
– कल्याणसिंह राजपुरोहित, नंदिनी पंचगव्य प्रोड्क्ट्स, एमकेबी नगर, चेन्नई।
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