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सिम कार्ड वैरीफिकेशन के नाम पर 13 लाख की ठगी करने वाले तीन आरोपी कोलकाता से गिरफ्तार

locationचेन्नईPublished: Oct 28, 2021 03:58:20 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

– बंगाल से ठगों को मिल रहे सिम से साइबर पुलिस हलकान
– सभी आरोपी झारखंड के जामताड़ा निवासी

Gang of three from Jamtara arrested in Kolkata by Chennai Police

Gang of three from Jamtara arrested in Kolkata by Chennai Police

चेन्नई.

टेलीकाम कंपनी का कर्मचारी बता लोगों के सिम कार्ड वैरीफिकेशन करने के नाम पर बैंक अकाउंट साफ करने वाले तीन शातिर लोगों को चेन्नई पुलिस की सेंट्रल क्राइम ब्रांच पुलिस की टीम ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। ये तीनों झारखंड के जामताड़ा के रहने वाले है और साइबर ठग है।

ये पश्चिम बंगाल के जामताड़ा से ऑपरेट कर रहे थे। पुलिस तीनों को बुधवार को चेन्नई लेकर आई और एगमोर स्थित मजिस्टे्रट कोर्ट में पेश किया। इनके कब्जे से 20 मोबाइल, 160 सिम कार्ड, 19 बैंक डेबिट कार्ड, 4 स्वाइपिंग मशीन के अलावा 11.20 लाख नगदी और 148 ग्राम सोना बरामद किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विश्वनाथ प्रसाद (25), बापी मंडल (31) और राम प्रसाद (30) है। तीनों झारखंड के जामताड़ा के रहने वाले है।

पुलिस ने बताया कि कोडम्बाक्कम में रहने वाले एक युवक ने 26 सितम्बर को चेन्नई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ 13 लाख रुपए की ठगी हुई जिसे टेलीकॉम ऑपरेटर का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर साइबर अपराधी ने ठगी का शिकार बनाया। पुलिस ने बताया कि युवक को अपराधियों ने कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बनकर सिम कार्ड वैरीफिकेशन के लिए फोन किया और 24 घंटे में सिम कार्ड बंद होने की बात कही।

साइबर ठगों ने युवक को अपने जाल में फांस लिया और उसे पांच रुपए का लेनदेन करने को कहा। पहले रिचार्ज करने वाले वेबसाइट के माध्यम से पांच रुपए भेजने को कहा लेकिन उसमें ट्रांसजेक्शन फेल होने पर विशेष ऐप के माध्यम से पांच रुपए भेजने को कहा। विशेष ऐप में बैंक विवरण व डेबिट कार्ड के विवरण डालने के बाद प्रतिनिधि ने फोन काट दिया और कुछ ही देर में उसके खाते से पहली बार 90134, दूसरी बार 860850 और तीसरी बार में 359000 रुपए निकाल लिए।

इसके बाद पीडि़त ने पुलिस आयुक्त में शिकायत की। साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज किया और विशेष टीम की मदद से जांच शुरू की। जांच में पता चला कि जिस मोबाइल नम्बर और बैंक खाते में पैसे डाले गए वह नियमित रूप से साइबर ठगी के लिए काम में लिया जाता था। पुलिस ने मोबाइल टावर लोकेशन से आरोपियों को टे्रस किया और उन्हें 25 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया।

साइबर अपराध पर अंकुश लगाने में जुटी साइबर पुलिस बंगाल से ठगों को मिल रहे मोबाइल सिम से परेशान है। ये सिम फर्जी नहीं होते। किसी न किसी के नाम से जारी रहते हैं पर उसका अता-पता दुरुस्त नहीं रहता। इन सिमों का उपयोग ठगी में यहां धड़ल्ले से किया जा रहा था। अब सिम निर्गत करने वाले वेंडर व आपूर्ति करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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