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चेन्नई

गौर ने ली बागान श्रमिक की जान

गंभीर घायल रामलिंगम को अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के दौरान उसका दम टूट गया

चेन्नईMay 15, 2018 / 12:41 pm

Arvind Mohan Sharma

Gaur lives the life of labour
कोय म्बत्तूर . नीलगिरी जिले के मंजूर कस्बे के निकट एक गौर के हमले में बागान श्रमिक की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंजूर के अल्दा वैली टी एस्टेट में काम करने वाली के रामलिंगम (60) रविवार को बागान में काम कर रहा था। इसी दौरान एक गौर वहां पहुंच गया। उसने जान बचाने की कोशिश की ओर सहायता के लिए चिल्लाते हुए दौड़ लगाई, लेकिन गौर ने पीछा करते हुए उसे सींग मार कर गिरा लिया। रामलिंगम की पुकार सुन कर साथी मजदूर आए ,और गौर को वहां से खदेड़ा। गंभीर घायल रामलिंगम को अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे ऊटी के सरकारी अस्पताल में रैफर कर दिया। लेकिन वहां उपचार के दौरान उसका दम टूट गया। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया।सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई.
समाज सेवा के लिए किया स म्मान
कोय म्बत्तूर . समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए रविवार को राजेश मुणोत का अभिनंदन किया गया। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन युवक संघ कोय बत्तूर की ओर से आयोजित समारोह की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष बबलू ललवाणी ने की। संयोजक राजेश कुमार गादिया व अन्य वक्ताओं ने बताया कि मुणोत कोय बत्तूर की विभिन्न संस्थाओं में सक्रिय हैं और समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी हैं। समारोह का संचालन विक्रम चोपड़ा ने किया। इससे पहले सचिव धनपत कटारिया ने सभी का स्वागत किया। उपाध्यक्ष ज्ञानचंद खारीवाल ने आभार जताया।
कलक्ट्रेट के सामने बेची सब्जी
कोय म्बत्तूर सब्जी उत्पादक किसानों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सोमवार को कलक्ट्रेट के सामने फुटपाथ पर सब्जी बेची। किसानों ने बताया कि वे आरएस पुरम की मंडी में सब्जी बेचने पहुंचे तो वहां के अधिकारियों ने उन्हें वहां से हटा दिया। किसानों का कहना था कि वे दलालों की बजाय सीधे ही सब्जी बेचना चाहते हैं पर मंडी के अधिकारी ऐसा नहीं करने देते। इसलिए वे सब्जियों को लेकर कलक्ट्रेट आ गए।उन्होंने फुटपाथ पर दुकान लगा कर सब्जी बेचना शुरु कर दिया। किसानों ने बाद में जिला कलक्टर टीएन हरिहरण को ज्ञापन के जरिए अपनी समस्या बताई। उन्होंने कहा कि वे दलालों से बजाय सीधे अपनी उपज को बेचना चाहते हैं। दलालों की वजह से उपज का पूरा मूल्य नहीं मिलता। किसानों ने कलक्टर से अनुरोध किया कि उन्हें मंड़ी में सब्जी बेचने के लिए स्थायी रुप से जगह प्रदान की जाए।
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