scriptतमिल माध्यम के विद्यार्थियों को दिए जाएं 196 अनुग्रह अंक: हाईकोर्ट | Giving the students of Tamil medium 196 Grace points: High court | Patrika News

तमिल माध्यम के विद्यार्थियों को दिए जाएं 196 अनुग्रह अंक: हाईकोर्ट

locationचेन्नईPublished: Jul 11, 2018 05:04:59 am

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खण्डपीठ ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को निर्देश दिया कि तमिल…

Madras High Court

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मदुरै।मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खण्डपीठ ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को निर्देश दिया कि तमिल माध्यम से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) देने वाले अभ्यर्थियों को अनुग्रह अंक देते हुए २ सप्ताह के भीतर नई रैंक सूची जारी करे। इसके साथ ही मौजूदा अभ्यर्थी सूची के आधार पर जो भी प्रक्रिया शुरू की गई थी उसे भी रोकने को कहा है। न्यायाधीश सीटी सेल्वम और न्यायाधीश ए. एम. बशीर अहमद ने माकपा राज्यसभा सांसद टी. के. रंगराजन की जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिए।

उनकी अर्जी थी कि तमिल माध्यम के विद्यार्थियों से पूछे गए ४९ अनूदित प्रश्न गलत थे इस एवज में प्रति सवाल चार अंक के हिसाब से उनको १९६ अनुग्रह अंक दिए जाने चाहिए। इस साल नीट में कुल १८० प्रश्न पूछे गए थे।न्यायिक बेंच ने कहा नीट-२०१८ में तमिल में लिखने वाले अभ्यर्थियों को अन्य के समकक्ष अवसर मिलना चाहिए इसलिए सीबीएसई ४९ त्रुटिपूर्ण सवालों के १९६ अंक प्रदान करे। साथ ही बोर्ड योग्यता प्राप्त अभ्यर्थियों की नई सिरे से सूची जारी करे। इसके बाद प्राधिकारियों पर निर्भर करेगा कि वे कब काउंसलिंग शुरू करते हैं।

इसके अलावा मौजूदा जारी सूची पर आगे की प्रक्रिया को नहीं बढ़ाया जाए। इससे पहले हाइकोर्ट ने सीबीएसई के इस तर्क को खारिज कर दिया था कि अनूदित प्रश्न पत्रों के मामले में अंग्रेजी प्रश्नों को ही अंतिम माना जाएगा। उच्च न्यायालय ने सीबीएसई की यह कह कर आलोचना की कि वह कैसे तमिल विद्यार्थियों की अंग्रेजी भाषा में दक्षता के आधार पर नीट के अंक तय कर सकती है।

३९.६० फीसदी हुए पास

इस साल तमिलनाडु से १ लाख १४ हजार ६०२ नीट दी। इनमें से ४५ हजार ३३६ विद्यार्थियों ने नीट पास की जो करीब ३९.६० प्रतिशत थी। सरकारी स्कूलों के केवल ९१५४ विद्यार्थियों ने ही नीट दी थी जिनमें से १३३७ ही उत्तीर्ण हुए थे।

यह होगा असर

इस वर्ष नीट में सामान्य वर्ग और एससी-एसटी और ओबीसी की कट ऑफ क्रमश:११९ व ९६ थी। अब तमिल अभ्यर्थियों को अनुग्रह अंक मिल जाते हैं तो वे सरकारी मेडिकल शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के हकदार हो जाएंगे। इस फैसले का असर यह होगा कि सामान्य श्रेणी में -७७ अंक और अन्य श्रेणी में -१०० अंक प्राप्त करने वाले तमिल माध्यम के विद्यार्थियों को कट ऑफ मिल जाएगी। गौरतलब है कि तमिलनाडु में मेडिकल दाखिले की पहली काउंसलिंग हो चुकी है। राज्य के कोटे के तहत सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में ३३२८ सीट हैं।

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