पीएमके इस मसले पर किसी भी राजनीतिक दल से बहस को तैयार है। अन्बुमणि ने आश्चर्य जताया कि तमिलनाडु से भी कम बारिश वाले आंध्रप्रदेश व तेलंगाना में भी जल प्रबंधन को लेकर योजनाएं हैं। अगले कुछ सालों में जलवायु और मानसून में बहुधा परिवर्तन होने की संभावना जताई गई है। राज्य में अतिवृष्टि और अनावृष्टि बढ़ेगी। इनसे निपटने के लिए सरकार के पास कारगर योजनाएं नहीं हैं।
उन्होंने सरकार पर चुटकी ली कि जल प्रबंधन पर ध्यान देने के बजाय सरकार फालतू की चेन्नई-सेलम ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट आठ लेन जैसी योजनाओं को लागू करने पर तुली है। इसके बजाय चेन्नई-कन्याकुमारी हाईवे को आठ लेन में तब्दील किया जाए तो रोजगार की संभावनाओं का विस्तार होगा। अन्बुमणि ने कहा कि तमिलनाडु में ६९ प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में नवम्बर महीने में सुनवाई होगी। इस मामले में अगर राज्य के खिलाफ फैसला आता है तो सामाजिक न्याय व्यवस्था के साथ अन्याय होगा। लिहाजा राज्य को इस मामले में केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
अन्बुमणि ने आश्चर्य जताया कि तमिलनाडु से भी कम बारिश वाले आंध्रप्रदेश व तेलंगाना में भी जल प्रबंधन को लेकर योजनाएं हैं। अगले कुछ सालों में जलवायु और मानसून में बहुधा परिवर्तन होने की संभावना जताई गई है। राज्य में अतिवृष्टि और अनावृष्टि बढ़ेगी। इनसे निपटने के लिए सरकार के पास कारगर योजनाएं नहीं हैं।