दलहन के लिए 150 सीड हब बनाए
सिंह ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के भारत सरकार के संकल्प को साकार करने की दिशा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस दिशा में पिछले तीन साल में आईसीएआर द्वारा अधिक उपज देने वाली एवं प्रतिकूल प्रकृति सहिष्णु किस्में, नई पशु नस्लों एवं बेहतर कृषि रीतियों आदि का विकास किया गया है। दलहन उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने के लिए देशभर में 150 सीड हब स्थापित किए गए, जिसके परिणामस्वरूप दालों का 22 मिलियन टन रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। इसके साथ ही देश के छोटे व सीमांत किसानों की आय को बढ़ाने के लिए विशेषकर 45 एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल विकसित किए गए हैं, जिनमें खेती के लिए पशुपालन, पोल्ट्री और बागवानी पर विशेष ध्यान दिया गया है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन में राज्यों के लिए 546.15 करोड़
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि देशी नस्लों को संरक्षण और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की गई है। इसके तहत गत 31 मार्च तक राज्यों के लिए 546.15 करोड़ रुपए जारी किए गए। सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में कम से कम डेढ़ गुना वृद्धि करना एक ऐतिहासिक निर्णय है। इसके द्वारा बजट 2018-19 में किए गए वादे को पूरा किया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, मुझे पूर्ण विश्वास है कि स्वामीनाथन के नेतृत्व में भारत में आने वाले वर्षों में कृषि एवं खाद्य सुरक्षा निरंतर और सतत बनी रहेगी और हम किसानों की आय नियत लक्ष्य अनुसार दोगुनी करने में अवश्य सफल होंगे।