73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राज्य के लोगों को अपने संदेश में राज्यपाल ने सरकारी और निजी स्कूलों के बीच की गुणवत्ता की खाई पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाना समय की मांग बताया। नीट से पहले सरकारी स्कूल के छात्रों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में १ प्रतिशत तक के दाखिले को रेखांकित करते हुए आर. एन. रवि ने सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए ७.५ प्रतिशत के आरक्षण के उपाय की सराहना की।
तमिल का व्यापक प्रसार हो
उन्होंने कहा, “तमिल दुनिया की सबसे पुरानी जीवित भाषा है। यह साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सामग्री में काफी समृद्ध है। इसने कई भारतीय भाषाओं को समृद्ध किया है। देश के बाकी हिस्सों में इसके प्रसार को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।” राज्यपाल ने बीएचयू में राष्ट्रीय कवि महाकवि सुब्रमण्य भारती की पीठ स्थापित किए जाने का उद्धरण देते हुए कहा कि इसी तरह की पहल अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों में भी शुरू की जानी चाहिए। हालांकि यह भी महत्वपूर्ण है कि हमारे स्कूली छात्र अन्य भारतीय भाषाओं को अन्य राज्यों के छात्रों की तरह सीखें। हमारे छात्रों को अन्य भारतीय भाषाओं के ज्ञान से वंचित करना सभी के लिए अनुचित है।
आजादी के नायकों को याद किया जाए
राज्यपाल रवि ने कहा, हमें उन सभी नायकों और शहीदों की पहचान और सम्मान करना चाहिए जिनके खून, पसीने और बलिदान ने हमें आजादी का अमृत दिया है। हम उन्हें और उनके योगदान को इतने लंबे समय तक नजरअंदाज करने के लिए वास्तव में माफी मांगते हैं। उन्होंने तमिलनाडु के स्वतंत्रता सेनानियों वीरांगना वेलू नाचीयार, वीरपांडि कट्टबोम्मन, वी ओ चिदम्बरनार पिल्लई, महाकवि सुब्रमण्यम भारती और मुथुरामलिंग थेवर को श्रद्धांजलि दी।
प्रगतिशील और आध्यात्मिक राजधानी तमिलनाडु
तमिलनाडु को “प्रगतिशील” राज्य बताते हुए, उन्होंने कहा कि जहां तक कोविड प्रबंधन का संबंध है हमने बहुत अच्छा किया है। उन्होंने तमिलनाडु को देश की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में वर्णित किया और कहा कि राज्य में देश में मंदिरों का घनत्व सबसे अधिक है। कई मंदिर दो हजार साल पुराने हैं। मंदिरों की सुरक्षा और अक्षुण्ण्ता को बनाए रखने के उपाय किए जाने चाहिए।