हमारा संयुक्त परिवार है। हम सब एक साथ रहते है। यहां बड़ो का आर्शिवाद भी है और छोटो का प्यार भी है। मैं बहुत ही लकी हूं कि मुझे दादा दादी का साथ मिला। मेरे दादा दादी सबसे कूल है। मेरी दादी मार्डन दादी है, उन्हें पिज् जा खाना भी पसंद है और होली खेलने का भी शौक है।
पिंकू पी. लुणावत
पेरम्बूर
मेरे पोते का नाम झनक हैं, उसके साथ हम लोग अपने बचपन को याद कर लेते हैं। उसका ख्याल रखना, उसकी जिद पूरी करना बहुत अच्छा लगता है। मेरे तैयार होते ही वो समझ जाता है कि हम लोग कहीं बाहर जाने वाले है और तुरंत ही साथ जाने के लिए खड़ा हो जाता है। झनक को उसके नाना नानी के घर जाना भी बहुत पसंद है। वहां उसके आने का इंतजार होता है। हम लोग अपने बच्चों की जिम्मेदारी पूरी कर चुके अब नाती पोतो के साथ जीवन का आनंद ले रहे हैं।
मधुकांता कांकरिया
साहुकारपेट
मेरी दादी की मुझे ज्यादा याद नहीं। मेरे दादाजी ही मेरे ग्रैंड पेरेन्ट्स है। वो दुनिया के सबसे अलग दादा जी हैं। हमारे आस पास उनका होना आनंददायक होता है क्योकि चाहे कुछ भी हो वो आपके सबसे बड़े समर्थक होते हैं। जब मै बहुत छोटी थी तब मैने अपनी दादी को खो दिया था। लेकिन मेरे दादाजी का आर्शिवाद हमेशा हमारे साथ है।
एकता मरलेचा
पल्लावरम
मैं दादी बनकर बहुत खुश हूं। मेरी दो पोतियां है, मैं उनसे बहुत प्यार करती हूं। आज उनको देखकर मुझे मेरा बचपन याद आ जाता है। जब मेरी दादी मुझे डांटती थी। गुस्सा भी होती थी और फिर खुद प्यार भी करती थी। आज जब मैं खुद दादी बन गई हूं तो मुझे उन सब बातों की याद आती है जो मेरी दादी मुझसे कहती थी। मेरे दादा जी भी मुझे बहुत प्यार करते थे।मैं इन बेटियों में अपना बचपन देख लेती हूं। जिस तरह मां एक शीतल छाया देती है उसी तरह दादी एक प्यार भरी मिठास है जो अपने नाती पोतो को ढेर सारा प्यार देती हैं।
शांता शर्मा
निमिलीचेरी
आजकल के ग्रैंड पेरेन्ट्स अपने नाती पातो को अपने गार्जियन (पालक) और दोस्त मानते है इसलिए उनमें बहुत वैचारिक भिन्नता देखने के लिए नहीं मिलती है। मेरे पोते ध्रुव और पोती दिशा से हम लोगो को बहुत प्यार मिला है और हम मिलकर मस्ती भी करते हैं। हम लोग अपने समय में अपने दादा दादी का सम्मान करते थे और एक दूरी होती थी हमारे बीच। आज वो नहीं है, हम जानते है कि बच्चे प्यार और सम्मान पाएंगे तो देंगे भी।
मीनाक्षी कुजिंतापादम
पोरूर