चेन्नई

Ground Water Level : अभी सूख रही जमीन, संभल जाओ वर्ना आंखें भी सूख जाएंगी

Ground Water Level: भूजल का सर्वाधिक उपयोग कृषि मेंभूजल दोहन में पड़ोसी चीन से भी आगे भारत

चेन्नईSep 28, 2022 / 06:19 pm

P S VIJAY RAGHAVAN

Ground Water Level : अभी सूख रही जमीन, संभल जाओ वर्ना आंखें भी सूख जाएंगी

Ground Level Water : मानसून पर आधारित भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए सूखती जमीन चिंता का विषय है। घटता भूजल स्तर कोई नई बात नहीं है लेकिन राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे कुछ राज्यों के अतिदोहन से निपटने के लिए ठोस रणनीति अवश्यम्भावी है। वर्तमान में हालत यह है कि भारत में जितना जमीन में जल का पुनर्भरण (रिचार्ज) होता है उसका ६२ प्रतिशत वापस निकाल लिया जाता है। ऐसे में अगर एक-दो साल बिना बरसात के निकल गए तो किसानों की आंखों के अश्क तक सूख जाएंगे।


यूनाइटेड नेशंस वल्र्ड वाटर डेवलपमेंट रिपोर्ट 2022 भूजल के उपयोग के ठोस मॉडल की सिफारिश करती है। ताकि भूजल के उपयोग की एक सीमा तय की जा सके। इस रिपोर्ट के मुताबिक भूजल की सबसे ज्यादा निकासी करने वाले 10 देशों में एशिया के आठ देश शामिल हैं और सबसे ऊपर भारत का नंबर है। यानी भारत सबसे अधिक भूजल पर निर्भर है। भारत के बाद चीन और अमरीका का नम्बर आता है।


कृषि कार्य में होती ज्यादा खपत
भूजल का सबसे अधिक उपयोग कृषि में किया जा रहा है। रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में जितना भूजल का उपयोग किया जा रहा है, उसमें लगभग 69 प्रतिशत भूजल का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है। यहां भी भारत की स्थिति दुर्लभ है जहां कृषि भूजल खपत का ८९ प्रतिशत सोंख लेती है जो विश्वभर में सर्वाधिक है। केंद्रीय भूजल आयोग द्वारा जून 2021 में प्रकाशित रिपोर्ट डायेनमिक ग्राउंड वाटर रिसोर्स ऑफ इंडिया, 2020 के मुताबिक सालाना सकल भूजल रिचार्ज (पुनर्भरण) 436.15 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) किया गया, जबकि भूजल निकासी 244.92 बीसीएम की गई। इस तरह जमीन में गये पानी का 61.6 प्रतिशत वापस निकाल लिया गया


भूजल संकट वाले राज्य
देश का कुल क्षेत्रफल 33 लाख वर्ग किमी है। विश्व की १६ प्रतिशत जनसंख्या का वास भारत में है तो स्वच्छ जलस्रोत मात्र ४ प्रतिशत हैं। दीगर बात यह है कि राजस्थान, हरियाणा व पंजाब जैसे राज्यों में भूजल का दोहन १०० फीसदी से भी ज्यादा है। तमिलनाडु के कुछ क्षेत्र भी इस सूची में है।

राज्य जिलों में भूजल दोहन का स्तर
पंजाब ६९ प्रतिशत में १०० फीसदी से अधिक
राजस्थान ५९ प्रतिशत में १०० फीसदी से अधिक
हरियाणा ५६ प्रतिशत में १०० फीसदी से अधिक
दिल्ली २४ प्रतिशत में १०० फीसदी से अधिक
तमिलनाडु १४ प्रतिशत में ९० प्रतिशत तक
(स्रोत : इंटरनेशनल ग्राउंड वाटर रिसोर्स असेसमेंट सेंटर डेटाबेस और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय)

ग्रामीण भारत दिखा सकता है राह
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट की प्रतिनिधि सुष्मिता सेन्गुप्ता के अनुसार ग्रामीण भारत के कुल क्षेत्रफल के २ फीसदी हिस्से में औसत बरसात का ५० प्रतिशत भी जल संचय के लिए आरक्षित कर दिया जाए तो सालाना ३२.७९ लाख करोड़ लीटर जल संचय संभव है। विश्लेषण इस प्रकार है।
ग्रामीण भारत का क्षेत्र : २९.८० करोड़ हेक्टेयर
वार्षिक औसत बारिश : ११०० मिमी
जल संचय के लिए जमीन : ५९.६ लाख हेक्टेयर
संभावित जल संचय : ३२.७९ लाख करोड़ लीटर

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