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गुलाब कोठारी को ‘द लीजेंड ऑफ राजस्थान’ सम्मान

locationचेन्नईPublished: Sep 23, 2018 10:42:51 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है राजस्थानी समाज : राज्यपाल

Gulab Kothari conferred 'The Legend of Rajasthan'

गुलाब कोठारी को ‘द लीजेंड ऑफ राजस्थान’ सम्मान

> रजत का स्वर्ण जयंती समारोह

चेन्नई. राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने राजस्थानी एसोसिएशन तमिलनाडु (रजत) के रविवार को वालाजाह रोड स्थित कलैवानर अरंगम में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी को साहित्य एवं पत्रकारिता के लिए ‘द लीजेंड ऑफ राजस्थानÓ सम्मान से सम्मानित किया। उनके अलावा यह सम्मान अजंता फार्मा के संयुक्त प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल को टे्रड एंड इंडस्ट्री तथा राष्ट्रीय बिलियड्र्स चैम्पियन सौरभ कोठारी को खेल जगत में अपनी पहचान बनाने के लिए दिया गया।
राज्यपाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा रजत ने जबरदस्त काम किया है। मैं प्रतिदिन राजस्थान पत्रिका पढ़ता हूं, इस कारण से मुझे समाज की गतिविधियों की जानकारी है। राजस्थानी समाज तमिलनाडु में गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है। इस समाज ने मेहनत और पुरुषार्थ के साथ अपना स्थान बनाया है। राजस्थानी समाज का गौरवशाली इतिहास है।
राज्यपाल ने कहा राजस्थान पत्रिका को कौन नहीं जानता। राजस्थान पत्रिका पूरे हिन्दुस्तान में फैला हुआ है। उन्होंने 1978 में राजस्थान पत्रिका के संस्थापक कर्पूरचंद कुलिश के साथ अपनी मुलाकात का भी जिक्र किया।

समारोह में ये थे उपस्थित

समारोह में रजत के सभी पूर्व अध्यक्षों एवं महामंत्रियों का भी सम्मान किया गया। इस मौके पर रजत अध्यक्ष अशोककुमार मेहता, महामंत्री राजेंद्रकुमार, गोल्डन जुबली सह-चेयरमैन प्रवीण टांटिया समेत अनेक गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे।


पत्रिका ने समाज को एक धागे में पिरोया : गुलाब कोठारी

पुरस्कार प्राप्त करने के बाद गुलाब कोठारी ने इसे आशीर्वाद बताया और कहा संस्था का निर्णय शिरोधार्य है। संस्था ने हमें इस लायक माना। उन्होंने कहा, ”मैं लंबे समय से राजस्थानी एसोसिएशन तमिलनाडु से जुड़ा हूं। इसके विकास का मैं साक्षी हूं।Ó राजस्थान पत्रिका की दक्षिण में शुरुआत के बारे में उन्होंने कहा हमने यहां एक बीज के रूप में प्रवेश पाया और आज समाज को एक धागे में पिरो दिया। प्रवासियों ने यहां जो जगह बनाई है वह सिर ऊंचा कर देने वाली बात है। हर बीज का एक सपना होता है वटवृक्ष बनने का, समाज को छाया देने का। हर बीज वृक्ष नहीं बनता लेकिन रजत ने ५० साल पहले जो बीज बोया है उसे वटवृक्ष बना दिया है।
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