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केन्द्र सरकार की वजह से धूमिल हुई एचएएल की छवि : प्रशांत भूषण

locationचेन्नईPublished: Sep 24, 2018 07:06:30 pm

Submitted by:

Ritesh Ranjan

रफाल एयरक्राफ्ट मामला देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला

HAL's image dashed due to central government: Prashant Bhushan

केन्द्र सरकार की वजह से धूमिल हुई एचएएल की छवि : प्रशांत भूषण

चेन्नई. रफाल एयरक्राफ्ट मामले ने देश की राजनीति में खलबली-सी मचा रखी है। हर रोज इस मामले को लेकर विपक्ष नए आरोपों के साथ नरेंद्र मोदी की सरकार पर वार करता है तो वहीं केंद्र सरकार को अपने बचाव में नया तर्क आगे रखना पड़ता है। इसी क्रम में यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा यह मामला देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है। भारतीय वायु सेना ने वर्ष २००७ में १२६ मल्टीरोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट के लिए प्रस्ताव रखा था जिसे एनडीए सरकार ने १२६ से घटा कर ३६ कर दिया और साथ ही पूरे मामले में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को हटाकर एसी कंपनी को जोड़ा गया जिसे रक्षा सौदे में कभी कोई अनुभव ही नहीं रहा है।
इस पूरे प्रक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका संदेह के दायरे में आती है। इसमें अनिल अंबानी की कर्ज से लदी रिलायंस डिफेंस को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है जबकि इससे राजकोष को काफी नुकसान पहुंचा है। भूषण ने कहा इस सौदे में एक विमान की कीमत जो कि ७१५ करोड़ रुपए थी वह बढ़ कर १,६६० करोड़ रुपए हो गई है। यह सब केवल अम्बानी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। इस डील के समय रिलायंस की डिफेंस कंपनी केवल १५ दिन पुरानी थी। नरेंद्र मोदी को इस कंपनी में ऐसा क्या दिखा कि एचएएल को दरकिनार कर रिलायंस के हाथ डील थमा दी गई।
प्रशांत भूषण ने मांग की कि इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से एक तय समय सीमा के अंदर कराई जाए। केंद्र सरकार अपने मंत्रियों से अलग-अलग बयान दिलाकर और दूसरे मुद्दों व कार्यक्रमों को आगे कर इस पूरे प्रक्रम से लोगों का ध्यान भटकाने का काम करने में लगी है। रक्षा सौदे पर कभी वित्त मंत्री अपनी प्रतिक्रिया देंगे तो कभी कानून मंत्री वहीं वित्त विभाग से जुड़े मामलों में रक्षा मंत्री बयान देंगी। यह पूरी प्रक्रिया जनता का ध्यान भटकाने के लिए की जा रही है।
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