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हॉलमार्किंग यूनिक आईडी अनिवार्य बनाने के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन 23 अगस्त को

locationचेन्नईPublished: Aug 22, 2021 10:21:38 pm

नई हॉलमार्किंग प्रक्रिया का विरोध करने के लिए- सुबह 11.30 बजे तक चेन्नई में 1000 से अधिक आभूषण की दुकानें रहेंगी बन्द· हॉलमार्किंग यूनिक आईडी (एचयूआईडी) अनिवार्य बनाने के भारतीय मानक ब्यूरो के मनमाने फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

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चेन्नई. नई हॉलमार्किंग प्रक्रिया के मनमाने ढंग से कार्यान्वयन के विरोध में शहर में 1000 से अधिक आभूषण की दुकानें सोमवार को सुबह 9 से 11:30 बजे के बीच बंद रहेंगी। ज्वैलर्स का कहना है कि वे हॉलमार्क का विरोध नहीं कर रहे बल्कि ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग यूनिक आईडी (एचयूआईडी) को अनिवार्य करने का विरोध कर रहे हैं। चेन्नई ज्वैलर्स एसोसिएशन एवं अन्य संगठनों ने राष्ट्रव्यापी विरोध को मजबूत करने के लिए हड़ताल का आह्वान किया है।
चेन्नई ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उदय वुम्मिडी ने कहा, हमें हॉलमार्किंग से कोई समस्या नहीं है। हम हॉलमार्किंग का स्वागत करते हैं, क्योंकि यह सोने के गहनों की शुद्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य को पूरा करता है। गोल्ड हॉलमार्किंग, कीमती धातु का शुद्धता प्रमाणन, भारत में स्वैच्छिक था। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने देश भर के लगभग 256 जिलों में 16 जून, 2021 से सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है।
हालांकि, क्षमता की कमी के कारण 16 से 18 करोड़ पीस हॉलमार्किंग के बिना बेकार पड़े हैं। अनुमानित 3 साल का बैकलॉग है, क्योंकि हॉलमार्किंग केंद्रों की वर्तमान क्षमता केवल 2 लाख पीस/प्रति दिन है। इस गति से मौजूदा स्टॉक को चिह्नित करने में लगभग 3-4 साल लगेंगे। उद्योग पहले से ही बिना बिके आभूषणों से प्रभावित है। बीआईएस अब एचयूआईडी प्रणाली की शुरुआत कर रहा है। इससे लगभग 5-10 दिनों की अतिरिक्त देरी हो सकती है, जिससे खुदरा आभूषण क्षेत्र विशेष रूप से स्टैंडअलोन, छोटी आभूषण की दुकानें प्रभावित हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि चूंकि पंजीकरण रद्द करने, दंडात्मक कार्रवाई और तलाशी और जब्ती के प्रावधान हैं। इससे एचयूआईडी उद्योग में इंस्पेक्टर राज लाएगा। इससे ग्राहक के गोपनीयता के अधिकारों के लिए खतरा पैदा कर सकता है क्योंकि सिस्टम ग्राहकों से अपने व्यक्तिगत विवरण की मांग करता है।
द ज्वैलर्स एंड डायमंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जयंतीलाल छल्लाणी ने कहा कि भारत भर में 47,000 से अधिक पंजीकृत ज्वैलर्स औसतन 10 किलोग्राम गैर-हॉलमार्क वाली इन्वेंट्री रखते हैं। उन्होंने कहा कि भले ही एक नई ट्रैकिंग प्रणाली की आवश्यकता हो, इसे व्यापार और उद्योग को साथ ले जाना चाहिए, और व्यवहार्यता और मौजूदा बुनियादी ढांचे जैसे कारकों को ध्यान में रखना चाहिए। छल्लाणी ने कहा कि एचयूआईडी मनमाना है। यह ग्राहकों और उद्योग के विकास के लिए हानिकारक है। चेन्नई दक्षिण भारत में गहनों के सबसे बड़े खुदरा बाजारों में से एक है। चेन्नई में एक हजार से अधिक ज्वैलरी की दुकानें हैं जो लगभग 40,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करती हैं। अधिकांश जौहरी कुटीर उद्योग के अंतर्गत आते हैं और वे लाखों कारीगरों को रोजगार देते हैं। उनके लिए सबसे बड़ा खतरा मशीनीकरण है, जो कुशल लोगों की नौकरियां ले सकता है।

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