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हैड, हार्ट और हैंड को जीवन में हमेशा रखें पवित्र

locationचेन्नईPublished: Jan 13, 2018 06:16:38 pm

Submitted by:

Sanjay Kumar Sharma

राष्ट्रसंत चंद्रप्रभ महाराज ने कहा कि जीवन में तीन एच को हमेशा पवित्र रखिए हैड, हार्ट और हैंड। हैड में रखिए निर्मल विचार, हैंड में रखिए ईमानदारी

head heart and hand always keep clean for better life

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हैड, हार्ट और हैंड को जीवन में हमेशा रखें पवित्र
वेलूर. राष्ट्रसंत चंद्रप्रभ महाराज ने कहा कि जीवन में तीन एच को हमेशा पवित्र रखिए हैड, हार्ट और हैंड। हैड में रखिए निर्मल विचार, हैंड में रखिए ईमानदारी और हार्ट में रखिए करुणा और प्यार। उन्होंने कहा कि अगर आप संसार के एटीएम से प्रेम, शांति और आनंद का धन निकालना चाहते हैं तो उसका पासवर्ड है ध्यान और प्रार्थना। ध्यान आपको खुद से जोड़ेगा और प्रार्थना आपको परमात्मा से। उन्होंने कहा कि उस स्वर्ग को पाने के लिए धर्म की पनाह मत लीजिए, जो मरने के बाद हमें कहीं और स्वर्ग दिखाए, बल्कि धर्म को जीवन में इसलिए अख्तियार कीजिए कि हमारी खुद की धरती स्वर्ग बने। जीवन में 60 साल की उम्र तक तरक्की के लिए हर क्षेत्र में एंड का इस्तेमाल कीजिए, पर साठ के बाद एंड का इस्तेमाल करते हुए स्वयं को मुक्ति की ओर ले जाएं। याद रखें, आवश्यकताओं को पूरा कीजिए, पर इच्छाओं पर अंकुश लगाइए। आवश्यकताएं तो फकीर की भी पूरी हो जाती हैं, जबकि इच्छाएं सम्राट की भी अधूरी रह जाती हैं।
संतप्रवर शनिवार को श्री जैन संघ द्वारा शांति भवन में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महीने में चाहे एक बार ही सही, संतजनों की संगत अवश्य कीजिए। संतों की संगत उस इत्र की तरह होती है, जिसे भले ही बदन पर न लगाएं, तब भी उसकी महक से दिल अवश्य ही आनंदित होता है। याद रखना, भगवान चित्र में नहीं, चरित्र में निवास करते हैं। चित्र तो गधे का भी सुन्दर हो सकता है, पर चरित्र को सुन्दर बनाने के लिए इंसान का अच्छा होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सोने से पहले आप किसी की एक गलती को माफ करने का बड़प्पन दिखाइए, भगवान आपके जागने से पहले आपकी 100 गलतियों को माफ करने की उदारता अवश्य दिखाएंगे।
उन्होंने कहा कि यदि कोई आपका दिल दुखाए तो यह सोचकर मन में धैर्य और शांति धारण करें कि पत्थर अक्सर उसी पेड़ पर मारे जाते हैं, जिस पर फल लदे होते हैं। उन्होंने कहा कि आप सच बोलिए। सच बोलने से आज भले ही खतरा हो, पर सत्य एक दिन आपके सम्मान और विश्वास को पहले से सौ गुना अधिक मजबूती से लौटा लाएगा। कोई गाली दे तो आप स्माइल दीजिए, कोई गंदगी करे तो आप सफाई कीजिए। आपके व्यवहार से उसे शर्म महसूस होगी, आपकी अहिंसा उसे सत्य-पथ पर ले आएगी।
इससे पूर्व राष्ट्रसंत ललितप्रभ सागर, चन्द्रप्रभ महाराज और डॉ. मुनिश्री शांतिप्रिय सागर महाराज के वेलूर पहुंचने पर सकल जैन समाज के श्रद्धालुओं द्वारा शोभायात्रा के साथ स्वागत किया गया। कार्यक्रम के लाभार्थी रुगजी, कन्हैयालाल, राजेश कुमार, कमल कुमार तलेसरा परिवार का संघ द्वारा माला पहनाकर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में राजेश मूथा, प्रकाश जैन, धर्मीचंद जैन, सुमति जैन, श्रीपाल जैन सहित आदि अनेक श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।

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