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जनता के लिए हीरो साबित हुए दो चेन्नई के एंबुलेंस ड्राइवर, 3 हजार किमी का सफर कर पार्थिव देह मिजोरम पहुंचाया

locationचेन्नईPublished: May 01, 2020 09:25:05 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

मिजोरम के मुख्यमंत्री और राज्य की जनता ने उनकी इस नि:स्वार्थ सेवा को जमकर सराहा है।

Heroes: Chennai ambulance drivers travel over 3,000 km to Mizoram

Chennai ambulance drivers travel over 3,000 km to Mizoram with body

चेन्नई.
तमिलनाडु (Tamilnadu) के एम्बुलेंस के दो ड्राइवरों लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से एंबुलेंस के जरिए तीन हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर एक छात्र का शव मिजोरम के आइजोल पहुंचाने वाले दो चालकों को उनके मानवीय कार्य के लिए नायकों जैसा सम्मान दिया गया। मिजोरम के मुख्यमंत्री और राज्य की जनता ने उनकी इस नि:स्वार्थ सेवा को जमकर सराहा है। दोनों वाहन चालक बारी-बारी से एंबुलेंस चलाकर विवियन ललरेमसंगा नामक व्यक्ति का शव आइजोल ले गए।

शानदार स्वागत
उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें इतना लंबा सफर तय करना पड़ेगा। चेन्नई के पुरुषवक्कम में अण्णै कस्तूरी एंबुलेंस सेवा के वाहन चालकों पी जयंथीरन और चिन्नातम्बी ने कहा कि अचानक इतनी लंबी यात्रा… मिजोरम के लोगों और उनके मुख्यमंत्री (ज़ोरमथांगा) की प्रशंसा पाना तथा आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की ओर से शानदार स्वागत हमारे जीवन का अविस्मरणीय क्षण था।

हमें उम्मीद नहीं थी कि हमारा किसी नायक की तरह स्वागत किया जाएगा। हमें बस यही लगा था हमारी अच्छी तरह मेहमान नवाजी की जाएगी। दोनों चालकों ने 24 अप्रैल को मध्यरात्रि से यात्रा शुरू की थी और 27 अप्रैल शाम चार बजे वे वहां पहुंच गए थे। इससे पहले दोनों वाहन चालक, हृदयाघात के कारण जान गंवाने वाले छात्र ललरेमसंगा का शव स्वेच्छा से आइजोल के मॉडल वेंग में उसके घर ले जाने के तैयार हुए थे।

मुश्किल सफर
लॉकडाउन के दौरान शव को ले जाने का इंतजाम नहीं होने के कारण चेन्नई मिजो वेलफेयर एसोसिएशन उसे यहीं पर दफनाने के लिये तैयार हो गया था, लेकिन इसी दौरान रोयपेट्टा सरकारी अस्पताल ने शव को मिजोरम ले जाने के लिये एंबुलेंस सेवा के मालिक नंदकुमार से संपर्क किया। नंदकुमार ने फौरन अपने ड्राइवरों से पूछा कि क्या वह इस मुश्किल सफर पर जा सकते हैं।

महान मानवीय कार्य
दो दशक से ज्यादा समय से वाहन चालक के तौर पर काम कर रहे जयंथीरन, चिन्नाथांबी के साथ इस सफर पर निकलने के लिये तैयार हो गए। चेन्नई मिजो वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आर ललवेना ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अपने जीवन को खतरे में डालकर विवियन ललरेमसंगा का शव ले जाना एक महान मानवीय कार्य है। राज्य सरकार, पुलिस और चिकित्सा अधिकारियों ने उनकी मदद की। तंजावुर के रहने वाले जयंथीरन ने कहा कि यह मिज़ोरम की हमारी पहली यात्रा थी और बिना रुके चेन्नई से 3345 किलोमीटर दूर शव पहुंचाने का पहला सफल प्रयास था।

मिला नकद इनाम
हमें बताया गया था कि लगभग 3,100 किलोमीटर की दूरी तय करनी है, लेकिन हमें मॉडल वेंग तक पहुंचने के लिए 200 किमी अतिरिक्त यात्रा करनी पड़ी।”चिन्नाथांबी ने कहा “हम मॉडल वेंग तक पहुंचने तक रोटी या बन खाकर गुजारा करते रहे। अब हम आराम कर रहे हैं। लोगों ने हमें घर लौटने से पहले खाने का पर्याप्त सामान दिया है। थकाऊ यात्रा के दौरान फिलहाल हम कोलकाता में आराम कर रहे हैं। हम कल सुबह या शाम तक चेन्नई पहुंच जाएंगे। मिजोरम के लोगों के अलावा वहां के सामाजिक कल्याण मंत्री के बीछुआ ने मुख्यमंत्री की ओर से उन्हें नकद ईनाम भी दिया है।

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने अपने ट्वीट में इस शिष्टाचार का जिक्र करते हुए एंबुलेस की यात्रा संबंधी सभी रुकावटें दूर करने के लिये तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी का आभार व्यक्त किया है।

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