इस याचिका पर जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और न्यायाधीश एम. निर्मल कुमार की न्यायिक पीठ ने मंगलवार को सुनवाई की। सरकार ने कहा कि उसे विवरण पेश करने के लिए और मोहलत चाहिए। इस पर न्यायिक पीठ ने नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई कि इस तरह लगातार मोहलत मांगते रहे तो गृह सचिव को तलब कर दिया जाएगा।
न्यायिक पीठ ने अवैध होर्डिंग मामले में सरकार की क्रियाशीलता पर असंतोष जताया और कहा कि हम इससे काफी निराश हैं तथा लोक अभियोजक से बुधवार को जवाब पेश करने को कहा था।मुख्य लोक अभियोजक बुधवार को सुनवाई में पेश हुए और बताया कि सरकार की ओर से इस मामले में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। न्यायिक पीठ ने दोहराया कि वह सरकारी कार्रवाई से असंतुष्ट है। पीठ से सरकारी वकील और मुख्य सचिव ने कुछ और मोहलत मांगी। न्यायिक पीठ ने मांग को स्वीकारते हुए याचिका पर सुनवाई १ जुलाई के लिए टाल दी।
फायरिंग से प्रभावित परिवारों को मनाने के लिए सरकार ने बंद किया प्लांट
तुत्तुकुड़ी स्टरलाइट प्लांट के आंदोलनकारियों पर हुई फायरिंग के बाद प्रभावित परिवारों को मनाने की खातिर ही सरकार ने इसे बंद किया है। मद्रास हाईकोर्ट में स्टरलाइट की ओर से प्लांट खोलने को लेकर अपील दायर की गई है। इस अपील पर बुधवार को हुई सुनवाई में प्लांट प्रबंधन की ओर से यह दलील दी गई।
प्लांट के शपथ पत्र में कहा गया कि नीरी ने कहा है कि स्टरलाइट प्लांट से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है। इससे स्पष्ट है कि हमारे प्लांट से पर्यावरण को नुकसान नहीं हुआ है लेकिन सरकार ने फायरिंग से प्रभावित परिवारों को रिझाने के लिए यह कदम उठाया है। स्टरलाइट प्लांट ने यह भी नजीर रखी कि सरकार ने नीतिगत निर्णय लेकर प्रतिबंध लगाने की बात कही है लेकिन इसके कोई साक्ष्य नहीं है। तुत्तुकुड़ी में प्लांट की वजह से वायु, पानी व जमीन के प्रदूषण को लेकर भी कोई प्रमाण प्राप्त नहीं हुए है। स्टरलाइट कंपनी ने यह भी कहा कि इस प्लां को फिर शुरू करने के लिए १.५५ लाख लोगों ने समर्थन भी दिया है।