इस सिलसिले में डीएमके विधायक एझिलअरसन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार के परिपत्र को चुनौती दी गई थी। पिछली सुनवाई के वक्त न्यायिक पीठ के जजों मणिकुमार व सुब्रमण्यम को सूचित किया गया था कि यह परिपत्र वापस ले लिया गया है।
उच्च न्यायालय ने मंगलवार को इस याचिका पर फिर सुनवाई की। डाक विभाग की ओर से दो शपथपत्र कोर्ट में पेश किए गए। न्यायिक पीठ ने इनको पढऩे के बाद प्रश्न किया कि इसमें प्रांतीय भाषा की जानकारी की बात है लेकिन कहीं भी क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा का उल्लेख नहीं है।
केंद्र सरकार के सहायक सॉलिसिटर जनरल ने हाईकोर्ट को बताया कि डाक विभाग की भविष्य में परीक्षाएं किस तरह आयोजित होंगी इस पर चर्चा चल रही है। मंत्रालय की ओर से इस संबंध में विस्तृत जवाब पेश किया जाएगा।
न्यायाधीशों ने केंद्र सरकार से पूछा कि परीक्षा निरस्त करने के पीछे क्या प्रशासनिक कारण थे? केंद्र को पांच अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई टाल दी।