हाईकोर्ट ने शासनादेश निरस्त करने की याचिका ठुकराई
चेन्नईPublished: Dec 28, 2018 03:41:24 pm
– १ जनवरी से होगी लागूप्लास्टिक पर पाबंदी रहेगी जारी
हाईकोर्ट ने याचिका शासनादेश निरस्त करने की याचिका ठुकराई
चेन्नई. तमिलनाडु में एक जनवरी से यूज एंड थ्रो तथा ऐसे प्लास्टिक उत्पाद जिनका पुनर्चक्रण नहीं किया जा सकता पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। गत जून महीने में जारी शासनादेश के तहत ऐसे प्लास्टिक उत्पादों का निर्माण, बिक्री और भण्डारण नहीं किया जा सकेगा। इस आदेश को तमिलनाडु व पुदुचेरी प्लास्टिक उत्पादक संघ ने मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
याचिका पर अवकाश पीठ के जज एस. वैद्यनाथन व पी. टी. आशा ने गुरुवार को सुनवाई की। याची के वकील ने कहा कि बिस्कुट व चिप्स आदि उत्पादों तथा पैकेज्ड प्लास्टिक उत्पादों को छूट देते हुए शासनादेश जारी हुआ है जिसका स्पष्ट आशय थोक व्यापारियों को फायदा पहुंचाना है। सरकार के आदेश से खुदरा विक्रेताओं और प्लास्टिक उत्पादकों को बड़ा नुकसान होगा। लिहाजा इस जीओ को निरस्त किया जाना चाहिए।
सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल अरविन्द पांडियन ने दलील दी कि आंध्रप्रदेश समेत कई राज्यों में प्लास्टिक थैलियों की बिक्री पर प्रतिबंध है। उन राज्यों में जारी सरकार के आदेश की संबंधित प्रदेशों की हाईकोर्ट ने भी पुष्टि की है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने भी प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है। पर्यावरण और भावी पीढ़ी की सुरक्षा के लिहाज से सरकार ने यह आदेश जारी किया है।
न्यायिक पीठ ने कहा कि हमारा विचार है कि पूरी तरह से प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध लगना चाहिए। बिस्कुट और अन्य पैकेजिंग उत्पादों को छूट देना अस्वीकार्य है। यह कहते हुए पीठ ने शासनादेश को चुनौती देने वाली याचिका निरस्त कर दी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै शाखा ने भी ऐसी ही एक याचिका को ठुकरा दिया था। अब हाईकोर्ट की प्रधान शाखा ने भी इसे खारिज कर दिया।