मद्रास उच्च न्यायालय (Highcourt) ने जीएसटी प्राधिकरण के उस नोटिस पर रोक लगा दी है जिसमें संगीत निर्देशक एआर रहमान के संगीत के कापीराइट के लिए सर्विस टैक्स की मांग की गई थी।
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चेन्नई. मद्रास उच्च न्यायालय ने जीएसटी प्राधिकरण के उस नोटिस पर रोक लगा दी है जिसमें संगीत निर्देशक एआर रहमान के संगीत के कापीराइट के लिए सर्विस टैक्स की मांग की गई थी। रहमान का तर्क था कि संगीतकार कापीराइट अधिनियम के तहत अपने संगीत का पूर्णस्वामी होता है। फिल्म निर्माताओं को ऐसे अधिकारों का हस्तांतरण करमुक्त होना चाहिए। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश अनिता सुमंत ने जीएसटी एवं सेन्ट्रल एक्साइज आयुक्त के नोटिस पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। कापीराइट अधिनियन के तहत संगीतकार का पूरा हक उसके संगीत पर होता है। फिर किसी निर्माता को कापीराइट के तहत ही फिल्म में संगीत का अधिकार दिया जाता है।
अस्थाई हस्तांतरण को टैक्स से छूट कापीराइट के तहत हस्तांतरित की गई ऐसी सेवाएं टैक्स के दायरे में नहीं लाई जा सकती। कापीराइट एक्ट के तहत अस्थाई हस्तांतरण को टैक्स से छूट दी गई है। याचिका में कहा कि संगीतकार ही कापीराइट के तहत इसका मालिक है, निर्माता को केवल इसे हस्तांतरित किया गया है।