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पुलिस के को-ऑपरेट नहीं करने पर कोर्ट सख्त

locationचेन्नईPublished: Jun 29, 2020 10:44:35 pm

दो व्यापारियों पी. जयराज व उनके बेटे बेनिक्स की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद कोविलपट्टी न्यायिक मजिस्ट्रेट को सातानकुलम थाने के पुलिसकर्मियों के को-ऑपरेट नहीं करने पर मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने तुत्तुकुड़ी जिला कलक्टर संदीप नंदूरी को आदेश दिया है कि वे पुलिस स्टेशन से संबंधित दस्तावेज हासिल करने के लिए राजस्व अधिकरियों को पुलिस स्टेशन नियंत्रण में लेने का निर्देश दें।

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मदुरै. दो व्यापारियों पी. जयराज व उनके बेटे बेनिक्स की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद कोविलपट्टी न्यायिक मजिस्ट्रेट को सातानकुलम थाने के पुलिसकर्मियों के को-ऑपरेट नहीं करने पर मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने तुत्तुकुड़ी जिला कलक्टर संदीप नंदूरी को आदेश दिया है कि वे पुलिस स्टेशन से संबंधित दस्तावेज हासिल करने के लिए राजस्व अधिकरियों को पुलिस स्टेशन नियंत्रण में लेने का निर्देश दें। खंडपीठ के न्यायाधीश पीएन प्रकाश व न्यायाधीश बी. पुगलेंदी की पीठ ने यह निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा उनके ध्यान में लाया गया है कि जांच की मॉनीटरिंग कर रहे तुत्तुकुड़ी के प्रधान जिला न्यायाधीश को पुलिसकर्मी को-ऑपरेट नहीं कर रहे हैं।
विशेषज्ञ टीम भेजकर मैटेरियल एकत्रित करें
इससे पहले कोर्ट ने मजिस्टे्रेट को पुलिस स्टेशन का दौरा करने व संबंधित दस्तावेजों की फोटोकॉपी इकट्ठी करने का सुझाव दिया था। इसके साथ ही मजिस्ट्रेट को सातानकुलम थाने के पुलिसकर्मियों के बयान भी लेने के लिए कहा था जहां हिरासत के दौरान उनको रखा गया था, लेकिन अब पुलिस के को-ऑपरेट न करने की बात सामने आने पर न्यायालय ने कलक्टर को निर्देशित किया है कि वे पुलिस स्टेशन को अपने नियंत्रण मे लेकर राजस्व अधिकारियों की नियुक्ति करें। न्यायालय ने फोरेंसिंक विज्ञान विभाग के अतिरिक्त निदेशक को निर्देशित किया है कि अपनी विशेषज्ञ टीम भेजकर मैटेरियल एकत्रित करें। यदि जरूरत हो तो रीजनल फोरेंसिंक साइंस लेबोरेट्री से विशेषज्ञ बुला सकते हैं।
केस डायरी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंपने को कहा
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता के. चेल्लपांडियन ने जब कोर्ट से दोनों की मौत के मामले को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को ट्रांसफर करने के लिए परमिशन चाही तो न्यायालय ने कहा यह सरकार को तय करना है। हम इस बारे में कुछ नहीं कहते। हालांकि जब तक सबूतों की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक न्यायालय ने तुत्तुकुड़ी पुलिस अधीक्षक व कोविलपट्टी पुलिस उपायुक्त को इस मामले में दर्ज एफआईआर संबंधी केस डायरी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंपने को कहा ताकि इसे सीबीआई के सुपुर्द किया जा सके। न्यायालय ने यह भी कहा कि पुलिस को लगातार मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग भी दिलाई जाए ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों। कुछ बुरे लोगों के कारण पूरी पुलिस फोर्स को बदनाम नहीं किया जा सकता।
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