राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के अनुसार, ये निवारक उपाय तमिल समाज सुधारक ईवी रामास्वामी पेरियार के आदर्शो पर आधारित दलित संगठन विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची (वीसीके) और द्रविड़ कडग़म (डीके) के बाद आई है, जिसके खिलाफ राज्यभर में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था।
वीसीके के संस्थापक नेता और संसद सदस्य, थोल थिरुमावलवन ने कहा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बयान भाजपा के फासीवादी मंसूबों का हिस्सा है और तमिलनाडु के लोग राज्य में हिंदी भाषा को थोपने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री के इस बेहद भडक़ाऊ बयान के खिलाफ पार्टी राज्यभर में विरोध मार्च निकालेगी। थोल थिरुमावलवन ने कहा कि पार्टी कार्यकारिणी समिति ने केंद्रीय गृह मंत्री के बयान के खिलाफ विरोध कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है।
अमित शाह और भाजपा तमिलनाडु के इतिहास और राज्य में हिंदी भाषा को थोपने के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों को नहीं जानते हैं। संपर्क के लिए एक भाषा थोपने से देश की जनता में दरार पैदा होगी और विभाजन होगा और भाजपा को ऐसा करने से बचना चाहिए।
हालांकि, उन्होंने विरोध मार्च की योजना की तारीख के बारे में विस्तार से नहीं बताया। राज्य के खुफिया सूत्रों ने बताया कि राज्य पुलिस कुछ खास इलाकों में विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार है, जहां पार्टी मजबूत है।
द्रविड़ कडग़म (डीके) नेता के. वीरमणि ने यह भी कहा कि संगठन तमिलनाडु के लोगों पर हिंदी थोपने के केंद्र सरकार के मनमाने कदम के खिलाफ पूरे तमिलनाडु में विरोध मार्च करेगा।