चेन्नई में नए साल के जश्न पर ढील न मिलने से होटल कारोबारी व जश्र मनाने वाले मायूस
- पहरे से रेसॉर्ट-रेस्तरां मालिक भी खफा

चेन्नई.
नववर्ष में हर कोई नए उत्साह और नए जोश के साथ प्रवेश करना चाहता है जश्र के शुरू होने में केवल कुछ ही घंटे शेष रह गए है, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने 31 दिसम्बर 2020 की रात और एक जनवरी, 2021 को समुद्र तटों, होटलों, क्लब और रिसॉट्र्स में होने वाली नए साल की पार्टियों पर रोक लगा दिया है। होटल, बार व अन्य स्थलों पर लोगों के एकत्र होने पर बंदिशों के चलते नए साल के जश्न पर ब्रेक लगा है। ऐसे में हॉस्पिटेलिटी और सर्विस सेक्टर और जश्न मनाने वालों को मायूस कर रहा है।
होटल उद्यमियों का कहना है कि 31 दिसम्बर की रात सरकार की ओर से किसी तरह की ढील देने की गाइडलाइंस नहीं आई है जबकि स्कूल व कॉलेज को छोडक़र सबकुछ खोल दिया गया है। होटल उद्यमी व चेन्नईवासी भी नए साल के जश्र में ढील न मिलने से खफा हैं। 31 दिसम्बर सेलिब्रेशन लगभग एक दशक से एक त्योहार से कहीं बढक़र जोश व उमंग भरा रहता है। क्लबों के अलावा तमाम होटल, रेस्टोरेंट, रिसॉर्ट में न्यू ईयर पार्टी में वाइन-डाइन एंड डांस के प्रोग्राम होते हैं।
न्यू ईयर पार्टी में 9.30 बजे के बाद ही लोग पहुंचना शुरू करते हैं, लेकिन इस बार सेलिब्रेशन मुश्किल नजर आ रहा है क्योंकि तमाम होटल, रिसॉर्ट व रेस्तरां को रात दस बजे तक संचालन करने की अनुमति है। लोग अपने घरों में ही जश्र मनाएंगे। ऐसे में हमारा धंधा और चौपट हो जाएगा जो कोरोना महामारी और उसकी वजह से लॉकडाउन ने इंडस्ट्री को 15 लाख करोड़ रुपए तक की चोट पहुंचाई है।
लोगों ने जताई नाराजगी
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर ईस्ट कोस्ट रोड (ईसीआर) निवासी मुकुल राव ने सरकार के नियम पर हैरानी जताते हुए कहा कि कोरोना के कारण वैसे भी बहुत कम लोग जरूरत पडऩे ही बाहर निकलते हैं, ऐसे में जश्र पर रोक लगाने का कोई तर्क नहीं। दुकान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, शोपिंग मॉल सभी खोल दिए गए और होटल और रेस्टोरेंट पर रोक लगाई जा रही है। हम लगभग ६-८ महीने घरों में बंद रहें। सरकार को ऐसे मौकों पर ढील देनी चाहिए थी।
होटल कारोबार को लगा झटका
एक होटल मालिक ने कहा कि होटल इंडस्ट्री को बचाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने किसी तरह का राहत पैकेज तो दिया नहीं बल्कि कारोबार भी नहीं करने दिया जा रहा। जहां एक तरफ लोग कोरोना के डर से घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं, वहीं होटल व रेस्तरां वाले भी लोगों को जागरूक करने और उन्हें सुरक्षा का भरोसा देने में लगे हुए हैं।
क्या कहते हैं उद्योग के जानकार
रेस्तरां और होटल इंडस्ट्री को लेकर इस उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ भी अपनी चिंता जता रहे हैं। इस बारे में साउथ इंडिया होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रमुख आर. श्रीनिवासन कहते हैं, 'कोरोना को लेकर अभी उद्योग पर जो असर देखने को मिल रहा है, वह बिल्कुल शुरुआत है। सरकार के निर्देश जारी करने के बाद यह असर बढ़ा है लेकिन अभी इस हफ्ते के बाद ही ये साफ हो सकेगा कि क्या आगे भी उद्योग को नुकसान होगा या नहीं। मुझे लगता है कि इसकी भरपाई घरेलू पर्यटक कर सकते हैं। क्योंकि अभी विदेशी पर्यटक यहां आने से बच रहे हैं, तो यहां के लोग भी बाहर नहीं जा रहे हैं। लेकिन ये सब अगले एक हफ्ते में जो कुछ देखने को मिलेगा, उस पर निर्भर करेगा।
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