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चेन्नई

अब अंतरिक्ष में विसर्जित होंगी अस्थियां, सपने सच करने में जुटा स्टार्टअप

Agnikul Cosmos: कहते हैं कि इंसान मौत के बाद सितारा बन जाता है। अब यह बात किस हद तक सच है यह तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन जल्द ही इंसान अपने प्रियजनों को खोने के बाद…

चेन्नईAug 12, 2019 / 10:48 pm

Nitin Bhal

Human Cremation ashes will soon spread in space

सितारों से मिलेंगे हमारे अपने, जल्द सच होंगे ऐसे सपने

चेन्नई. कहते हैं कि इंसान मौत के बाद सितारा बन जाता है। अब यह बात किस हद तक सच है यह तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन जल्द ही इंसान अपने प्रियजनों को खोने के बाद उन्हें सितारों से मिला सकेगा। जी हां, अत्याधुनिक तकनीक के इस दौर अब इंसानी शरीर के अवशेषों को सीधे अंतरिक्ष में भेजने की सुविधा शुरू होने जा रही है। चेन्नई का एक स्पेस स्टार्टअप अब लोगों को अपने प्रियजनों के अस्थियों को सीधे अंतरिक्ष में भेजने की सुविधा देने जा रहा है। अक्सर कहा जाता है कि इंसान इस दुनिया से अंतिम विदाई लेने के बाद अंतरिक्ष में सितारों के पास पहुंच जाता है। हम सितारों को देखकर यह समझते हैं कि हमारे प्रियजन आकाश से हमें देख रहे हैं। हम भी रात में सितारों को निहारकर यह तसल्ली करते हैं कि इन्हीं सितारों के बीच कहीं न कहीं हमारे पूर्वज भी होंगे। यह स्टार्टअप अस्थियों को छोटे-छोटे मॉड्यूल में पैक करके अंतरिक्ष में एक खास कक्षा में स्थापित करेगा। यह मॉड्यूल कुछ दिनों तक उस कक्षा में रहेगा और उसके बाद यह गलकर नष्ट जाएगा। आईआईटी मद्रास के सहयोग से वर्ष 2021 तक स्टार्टअप ‘अग्निकुल कॉसमॉस’ इंसानी शरीर के अवशेषों को अंतरिक्ष में भेजने की सुविधा शुरू करने जा रहा है।

सेमी क्रॉयोजनिक इंजन का करेंगे इस्तेमाल

Human Cremation ashes will soon spread in space

इसके लिए एक छोटे तीन चरणों वाले रॉकेट और सेमी क्रॉयोजनिक इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। यह रॉकेट मानव शरीर के अवशेषों से भरे मॉड्यूल को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करेगा। अग्निकुल के सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन के अनुसार यह थोड़ा अलग लॉन्च होगा लेकिन अगर रॉकेट की दृष्टिकोण से देखें तो यह एक जैसा ही है। आपको एक सैटलाइट की जरूरत होगी जिसमें इसे रखा जा सकेगा। कंपनी तीन चरणों वाला रॉकेट बना रही है जो लिक्विड ऑक्सीजन और केरोसीन इंजन की मदद से चलेगा।

जाएगा 600 किमी की ऊंचाई पर

Human Cremation ashes will soon spread in space

कंपनी ने बताया कि यह रॉकेट 100 किलोग्राम का पेलोड लेकर पृथ्वी की निचली कक्षा में 600 किमी ऊंचाई पर ले जा सकेगा। वर्ष 2021 में रॉकेट के तैयार हो जाने के बाद अवशेषों को अंतरिक्ष में भेजने का पहला टेस्ट किया जाएगा। रविचंद्रन ने कहा कि यह परीक्षण अमेरिका के निजी अंतरिक्ष एजेंसी स्पेसएक्स के जून 2019 में हुए मिशन की तरह से होगा। इसके तहत स्पेसएक्स 152 लोगों के अवशेषों को लेकर अंतरिक्ष में गया था। अग्निकुल कॉसमॉस कंपनी एक किलोग्राम पेलोड के लिए 10.6 लाख रुपए लेने पर विचार कर रही है। वही अमेरिकी कंपनी सेलेस्टिस एक ग्राम के लिए करीब 5 हजार डॉलर लेती है। कॉसमॉस का मानना है कि उनका रेट दुनिया में सबसे सस्ता होगा। आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एसआर चक्रवर्ती ने कहा कि अंतरिक्ष से पटाखे फोडऩे के आइडिया पर भी काम कर रहे हैं जिसे पूरे देश में देखा जा सकेगा।

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