हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से अब एक ही परिसर में सौर और पवन ऊर्जा का उत्पादन
चेन्नईPublished: Sep 19, 2019 05:18:54 pm
-बैटरी में किया जा सकेगा सौर ऊर्जा को स्टोर
-भूमि के बेहतर उपयोग के तहत होगी अब खेती
hybrid technology will now in same infrastructure
चेन्नई. हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से अब हवा और सूरज की ऊष्मा के साथ एक ही परिसर में ऊर्जा का उत्पादन संभव हो गया है। इसका एक प्लांट तिरुनेलवेली में चल रहा है और इसी तर्ज तमिलनाडु के अन्य कोनों में संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। यह नई तकनीक देश को बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में सहायक साबित होगी।
इस संबंध में राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में आदित्य एनर्जी होल्डिंग्स के मैनेजिंग पार्टनर एल. उदय मेहता ने बताया कि हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के जरिए अब एक ही परिसर में पवन एवं सौर ऊर्जा संयंत्र को स्थापित कर बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। पहले ऐसा नहीं होता था। जहां ये प्लांट लगाए जाते थे वहां की जमीन बेकार चली जाती थी। अब ऐसा नहीं होगा। इस भूमि का बेहतर उपयोग होगा। वहां खेती होगी और वहां सौर ऊर्जा प्लांट भी लगाए जा रहे हैं। जब हवा की कमी होगी तो उस दौरान सौर ऊर्जा से पवन ऊर्जा प्लांट को चलाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में सोलर पावर प्लांट शुरू हुए हैं। कई नए प्रोजेक्ट आने वाले हैं। तिरुनेलवेली और तूतीकोरीन जिलों के समुद्र के निकट होने के कारण पवन ऊर्जा संयंत्र अधिक संख्या में लगाए गए हैं। इसी प्रकार विरुदनगर एवं रामनाथपुरम में सूर्य की किरणों के अधिक होने कारण यहां अधिकांश सोलर पावर प्लांट लगे हुए हैं। अन्य स्थानों पर रूफ टॉप सोलर पैनल लगाने का अधिक प्रचलन है।
मेहता ने बताया कि यह बिजली सरकार खरीदती और बेचती है। ऐसे में थर्ड पार्टी एक्सेस एवं ग्रुप कैप्टिव को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। नीति में बदलाव लाना होगा। इसके लिए नीतिगत निर्णय करने तथा व्यावहारिक बनाना होगा। ऐसा होने से इस क्षेत्र का बेहतर विकास होगा। तमिलनाडु सौर ऊर्जा के मामले में देश में दूसरे पायदान पर है। उन्होंने बताया कि हम पिछले चार सालों से इस व्यवसाय में हैं। अब तक 6000 एकड़ में सोलर प्लांट लगाए गए हैं।