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केंद्र सरकार की अनुमति के बाद भी हाईड्रो कार्बन परियोजना शुरू नहीं की जा सकती

locationचेन्नईPublished: Jul 16, 2019 07:24:18 pm

Submitted by:

MAGAN DARMOLA

Tamil Nadu Assembly Session : विधि मंत्री सी. वी. षणमुगम ने स्टालिन के सवाल पर दिया जवाब, केंद्र सरकार एमओयू कर सकती है लेकिन तमिलनाडु सरकार की इजाजत के बगैर कोई भी परियोजना शुरू नहीं की जा सकती

Hydro-carbon project can not be started

केंद्र सरकार की अनुमति के बाद भी हाईड्रो कार्बन परियोजना शुरू नहीं की जा सकती

चेन्नई. विधि मंत्री सी. वी. षणमुगम ने मंगलवार को दो टूक कहा कि केंद्र सरकार भले हाईड्रो कार्बन परियोजना को अनुमति दे लेकिन राज्य सरकार की इजाजत के बगैर यह परियोजना शुरू नहीं की जा सकती। राज्य विधानसभा में डीएमके के सदन में नेता एम. के. स्टालिन हाईड्रो कार्बन परियोजना पर विशेष आकर्षण प्रस्ताव लाए। प्रस्ताव पर स्टालिन ने कहा, सोमवार को लोकसभा में कनिमोझी Kanimozhi समेत अन्य सांसदों ने हाईड्रो कार्बन परियोजना का मसला उठाया। जवाब में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु में मीथेन गैस की कोई नई परियोजना नहीं शुरू की जा रही है। ७ हाईड्रो कार्बन उत्खनन की निविदाएं आमंत्रित की गई हैं तथा दो टेंडर आवंटित कर दिए गए हैं। देशभर में २३ जगहों पर यह परियोजना लागू होनी है। तमिलनाडु में मंत्री ने कहा था कि यह परियोजना क्रियान्वित नहीं होगी।

MK. Stalin ने जोर दिया कि राज्य सरकार नई परियोजनाओं को अनुमति नहीं दें। किसी भी तरह की नई अनुमति से पहले नीतिगत निर्णय किया जाए। जिला कलक्टरों को भी तत्संबंधी परिपत्र भेजा जाए। नीतिगत फैसले ही राज्य की जनता को शांति मिलेगी। सोमवार को भी डेल्टा क्षेत्र के किसानों ने प्रदर्शन किया था। वरिष्ठ वामनेता आर. नल्लकण्णू को भी गिरफ्तार कर लिया गया। विधानसभा के इस सत्र में हाईड्रो कार्बन प्रोजेक्ट को अनुमति नहीं देने का नीतिगत निर्णय किया जाना चाहिए।

विधि मंत्री ने आकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दिया कि केंद्रीय मंत्री ने संसद में तमिलनाडु में हाईड्रो कार्बन को लेकर निविदाएं जारी करने की जानकारी दी है। केंद्र सरकार एमओयू कर सकती है लेकिन तमिलनाडु सरकार की इजाजत के बगैर कोई भी परियोजना शुरू नहीं की जा सकती है। उन्होंने आवेदन भेजा है लेकिन उन पर कोई निर्णय नहीं किया है। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जे. जयललिता j. jayalalithaa के शासनकाल में ऐसे समझौते निरस्त भी किए गए थे। यह सरकार भी जयललिता का ही अनुसरण करते हुए किसानों के हित प्रभावित नहीं होने देगी। सीएम से परामर्श के बाद इस मसले पर विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा। तमिलनाडु में हाईड्रो कार्बन प्रोजेक्ट को अनुमति नहीं दी जाएगी। जब कोई मसला है ही नहीं उस पर अगर कोई जेल जाना चाहे तो हम भला क्या कर सकते हैं?

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