scriptआईवाईए व आईवाईसीटी ने विद्यार्थियों को दी छात्रवृत्ति | IAY and IYCT awarded scholarships to students | Patrika News

आईवाईए व आईवाईसीटी ने विद्यार्थियों को दी छात्रवृत्ति

locationचेन्नईPublished: Jul 10, 2018 11:05:04 pm

इंडियन यूथ एसोसिएशन एवं इंडियन यूथ चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से 49वां छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम शनिवार को कीलपाक गार्डन रोड स्थित…

IAY and IYCT awarded scholarships to students

IAY and IYCT awarded scholarships to students

चेन्नई।इंडियन यूथ एसोसिएशन एवं इंडियन यूथ चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से 49वां छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम शनिवार को कीलपाक गार्डन रोड स्थित भवन्स राजाजी विद्याश्रम में आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि कमलादेवी दुलीचंद बागमार चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी दुलीचंद बागमार थे। विशिष्ट अतिथि पेसमैन फाइनेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक दीपचंद लुनिया तथा सुराणा इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक दिनेश चंद सुराणा थे।

अतिथियों का मोमेन्टो देकर सम्मान किया गया। इस दौरान अपने संबोधन में मुख्य अतिथि ने संस्था के शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्था विद्यार्थियों को ज्ञान हासिल करने में मदद कर रहा है। जरूरत मंदों को छात्रवृत्ति दी जा रही है।

साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को शाकाहार अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस वर्ष 900 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति दी गई। अध्यक्ष राजकुमार दमानी, सचिव गुलाब गुलगलिया, प्रबंध न्यासी राजकुमार दुगड़ तथा ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष ललित बागमार समेत अन्य सदस्यों ने विद्यार्थियों में छात्रवृत्ति बांटी। इसके लिए कई काउंटर बनाए गए थे जहां से विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का चेक प्रदान किया गया। छात्रवृत्ति कार्य में सहयोग देने वाले दानदाताओं के नामों की घोषणा की गई। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्टी प्रवीण टाटिया ने की। धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

अपनों के साथ रिश्ते सौम्य और शीतल हों

थाउजेंड लाइट स्थित एस.एस. जैन प्रार्थना हॉल में शनिवार को उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने प्रवचन में कहा कि अपने परिवार के साथ हमारे रिश्ते मित्रवत होने चाहिए न कि गिरगिट की तरह बार-बार रंग बदलने वाले।

अपनों के साथ रिश्ते चंद्रमा के समान शीतल और सौम्य होने चाहिए। हर व्यक्ति की अपने घर में कीमत होती है। अपने घरवाले ही आपके काम आएंगे। वही दु:ख में साथ रहेंगे। इसलिए घर में किसी का अपमान नहीं करें, न ही किसी की उपेक्षा करें। जब हम किसी का सम्मान करते हैं तो उसे अपने से जोड़ते हैं और यदि किसी का अपमान करते हैं तो उसे अपने से तोड़़ते हैं।
जिस परिवार के साथ आप जीते हो, रहते हो, प्रेम करते हो उन पर जुल्म, अपमान, उपेक्षा नहीं करें। आपका घर कभी कुरुक्षेत्र नहीं होगा। अपने घर को धर्मक्षेत्र बनाएं। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रवचन श्रवण का लाभ लिया।

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