इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर की स्थिति में सुधार नहीं आ जाता है, तब तक बैंकों में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिहाज से सेवाओं को सीमित किया जाए। साथ ही बैंक ब्रांच आकर लेन-देन के काम को भी घटाकर करीब 4 घंटे किया जाए। बैंक ब्रांच में लोगों की बढ़ती भीड़ की वजह से कर्मचारियों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
चार सेवाएं रहेंगी जारी
इंडियन बैंक एसोसिएशन का कहना है कि केवल चार तरह की सेवाओं को ही बैंक ब्रांचों में अनिवार्य रूप से जारी रखा जाए। इसमें कैश डिपॉजिट, कैश विड्रॉल, देश-विदेश से पैसे ट्रांसफर और सरकारी ट्रांजैक्शन शामिल है। हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी कोरोना की स्थिति की समीक्षा करेगी।
परिस्थितियों के अनुसार फैसला लें बैंक
आईबीए के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी बैंकों में कामकाज को जारी रखने के लिए दो एडवाइजरी जारी की गई थी, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। अलग-अलग राज्यों में स्थिति के अनुसार लॉकडाउन, कफ्र्यू जैसी पाबंदियां लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि एडवाइजरी में स्टेट लेवल बैंकर्स समितियों (एससीएलबी) को परिस्थितियों के मुताबिक दिशानिर्देश लागू करने के लिए कहा गया है।
बैंक कर्मचारियों के संक्रमित होने का खतरा
बैंक कर्मचारियों के लगातार संक्रमित होने, अस्पतालों में उनके भर्ती होने और मृत्यु की जानकारी मिल रही है। यूनियन का कहना है कि इस विकट स्थिति में बैंक कर्मचारियों की ओर से अपील की जा रही है कि इस पर तुरंत गौर किया जाए और फैसला लिया जाए।
बैंक में आने का समय हो तय
एडवाइजरी में कहा गया है कि ग्राहकों के बैंक में आने और लेनदेन को लेकर एक सीमित समय तय किया जाए। यह समय सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक के बीच हो सकता है। साथ ही यह भी कहा गया है कि डिजिटल बैंकिंग, डोर स्टेप बैंकिंग जैसी सुविधाओं को प्रमोट किया जाना चाहिए। ग्राहकों को इसके लिए जागरूक किया जाना चाहिए।
50 फीसदी कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाएं
आईबीए ने एडवाइजरी के जरिये कहा है कि बैंक कर्मचारियों को रोटेशन के आधार पर बुलाएं। इसमें कहा गया है कि 50 फीसदी कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है। वहीं, वर्क फ्रॉम होम को लेकर आईबीए ने कहा कि इस पर कर्मचारियों की कार्य की प्रकृति, उनके पद और संख्या के आधार पर बैंक निर्णय ले सकते हैं।