चेन्नई

आईआईटी मद्रास दे रहा ग्रामीण प्रतिभाओं को विज्ञान की शिक्षा

आईआईटी मद्रास (IITM) तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में हाई स्कूलों को ग्रेजुएट लेबोरेटरी से जोड़ रहा है। एक लैब-एक स्कूल मेंटरशिप योजना के तहत यह किया जा रहा है।

चेन्नईFeb 21, 2020 / 10:15 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

iit madras

चेन्नई. आईआईटी मद्रास तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में हाई स्कूलों को ग्रेजुएट लेबोरेटरी से जोड़ रहा है। एक लैब-एक स्कूल मेंटरशिप योजना के तहत यह किया जा रहा है। यह इस योजना का दूसरा साल है। तिरुवल्लूर, कांचीपुरम व वेलूर जिलों के 20 स्कूलों के 800 विद्यार्थियो ंतक पहुंच बनी है। वेरिजन इंडिया के सहयोग से यह योजना चलाई जा रही है। इसके माध्यम से ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को सशक्त बनाया जाएगा। आईआईटी मद्रास रिसर्च लैब के मेंटर ग्रुप के एमएस, एमटेक, पीएचडी व साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के फैकल्टी ग्रामीण सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल को गोद लेंगे। हर प्रयोगशाला से दो या तीन वर्ष तक प्रशिक्षित करेंगे। इस दौरान कौशल विकास एवं करियर मार्गदर्शन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
स्कूल में जाकर कर रहे मोटिवेट
इस प्रयोगशाला में आमतौर पर दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले उपकरण इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर आदि शामिल हैं। इस दौरान स्कूल विद्यार्थियों को प्रश्नोत्तर के माध्यम से भी समझाया जाएगा। आईआईटी मद्रास के फैकल्टी संबंधित स्कूल का दौरा भी करेंगे तथा विद्याथियों को मोटिवेट करेंगे।
अब तक आठ सौ को प्रशिक्षण
आईआईटी मद्रास के एप्लाइड मैकेनिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोजेक्ट के मुखिया डॉ. पिजूष घोष ने बताया कि जून 2018 से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। आईआईटी मद्रास की 20 शोध लैबोरेट्री से 20 ग्रामीण स्कूलों को जोड़ा गया है। संस्थान के 150 स्नातक विद्यार्थियों ने नवीं कक्षा के आठ सौ विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया है। इस तरह के उपकरणों की स्थापना के लिए उच्च शिक्षा को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण इलाकों में विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा दी जा सकें।
15 और स्कूलों में होगा विस्तार
वेरिजन इंडिया की प्रबंध निदेशक कल्याणी शेखर ने कहा एक लैब-एक स्कूल कार्यक्रम निश्चित ही भारत में विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देगा। ये यूनिक मेंटरशिप मॉडल न केवल ग्रामीण इलाकों में बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करेगा बल्कि वैज्ञानिक सोच को भी बढ़ावा देगा। यह कार्यक्रम जहां ग्रामीण प्रतिभाओं की पहचान करेगा वहीं आईआईटी मद्रास के विद्यार्थियों को भी सामाजिक सहभागिता के प्रति विश्वास पैदा करेगा। अगले शैक्षणिक सत्र 2020-21 से इसे 15 और स्कूलों में विस्तारित किया जाएगा। आईआईटी मद्रास केन्द्र सरकार की योजना समग्र शिक्षा अभियान की दिशा में काम कर रहा है।
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