संरचना जगत (कंस्ट्रक्शन) जगत के लिए 3डी प्रिंटर प्रौद्योगिकी वरदान साबित होने वाली है। देश में सस्ते आवास का सपना संजोये लाखों लोगों के लिए खुशखबर है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मद्रास की स्टार्ट अप ट्वस्टा मैन्युफैक्चरिंग सोल्यूशन ने इस टेक्नोलॉजी के उपयोग से एक भव्य मकान बनाया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल माध्यम से इसका उद्घाटन किया।
बिल्डिंग बन जाएगा प्रिंटिंग
कंपनी की मानें तो यह कंक्रीट 3डी प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी तत्काल प्रभाव से लागू की जाने के लिए तैयार है। लिहाजा अब निर्माण कार्य पर लगने वाला समय घटेगा। ईको-फे्रंडली सामग्री के उपयोग से लागत भी कम होगी तथा आवास संबंधी जरूरतों के लिए यह वरदान साबित होगी। इस तरह अब बिल्डिंग शब्द प्रिंटिंग का रूप लेगा।
600 वर्ग फीट का घर
आइआइटी के पूर्व छात्र और ट्वस्टा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदित्य जो अपनी पूरी टीम के साथ इस वर्चुअल इवेंट में उपस्थित थे ने बताया कि इस तकनीक से 600 वर्ग फीट के बिल्ट अप एरिया का घर बनाया गया है जिसमें एक बेडरूम, हॉल व किचन है। निर्माण में हैबिटेट फॉर ह्यमेनिटी टेरविलिंगर सेंटर फॉर इनोवेशन इन शेल्टर का भी सहयोग रहा।
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30 फीसदी तक कम होगी निर्माण लागत
परम्परागत निर्माण की तुलना में 3डी प्रिंटर प्रौद्योगिकी से निर्माण लागत करीब 30 प्रतिशत घटेगी। 3डी प्रिंटेड हाउस की लागत को प्रति वर्ग फुट 1200 रुपए से 800 रुपए तक घटाया जा सकता है।
मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी, ट्वस्टा मैन्युफैक्चरिंग सोल्यूशन