मामले की जांच को सीबीआइ को सौंपने वाले आदेश में कहा कि डीजीपी और पुलिस आयुक्त के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है। विभिन्न क्वार्टरों की मांग को मद्देनजर रखते हुए जांच को सीबीआइ को सौंपी जा रही है। इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की गई, जिसमें सीबीआइ द्वारा मामले को संभालने की सहमति दी गई।
इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडियन (एनएसयूआइ) की उस याचिका को निरस्त कर दिया जिसमें फातिमा लतीफ के सुसाइड की सीबीआइ जांच की मांग की गई थी। न्यायाधीश एम. सत्यनारायणन और न्यायाधीश एन. शेषसाई की न्यायिक पीठ ने एनएसयूआइ की याचिका को ठुकरा दिया। सुनवाई के वक्त सरकारी विशेष वकील ने कहा कि महत्वपूर्ण सुराग जुटाए जा चुके हैं तथा जांच भी सही दिशा में चल रही है। संज्ञेय अपराध के मद्देनजर जांच की अवधि तय नहीं की जा सकती है। याची का आरोप था कि फातिमा को धर्म के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ा था साथ ही आइआइटी के प्रोफेसर ने भी उसे प्रताडि़त किया था। उसकी मौत पर राज बना है और इस वजह से कई विवाद भी खड़े हुए हैं। लिहाजा राज्य पुलिस द्वारा हो रही जांच को सीबीआइ के हवाले किया जाना चाहिए।
साथ ही कोर्ट ने आत्महत्या के मामले से उपजे विवाद और प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु सरकार को सुझाव दिया कि वह इसकी जांच सीबीआइ को दे सकती है। उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में मानविकी की प्रथम वर्ष की छात्रा फातिमा को गत ९ नवंबर को उसके छात्रावास में मृत पाया गया था।