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आयुर्वेद के मूल्यों को अपना कर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिलेगी बेहतर जिन्दगी

locationचेन्नईPublished: Nov 19, 2022 10:11:16 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

-आईआईटी मद्रास ने विकसित किया आईटी टूल

आयुर्वेद के मूल्यों को अपना कर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिलेगी बेहतर जिन्दगी
आयुर्वेद के मूल्यों को अपना कर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिलेगी बेहतर जिन्दगी

चेन्नई.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में ग्रामीण अनुसूचित जाति समुदायों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने और सुधार करने के लक्ष्य से एक सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण (आईटी टूल) का विकास किया है। यह आईटी टूल ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की मदद से विकसित किया गया है। इसका इस्तेमाल घरेलू स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी सालाना विवरण जुटाने के लिए किया गया।
इस आईटी टूल का उपयोग कर प्राथमिक स्वास्थ्य समस्याओं पर चिकित्सा उपचार और आहार संबंधी सलाह के प्रभावों का तथ्यात्मक आकलन भी किया गया। इससे उपयुक्त ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा योजना तैयार करने में मदद मिलेगी जो उपचार के प्रभावीपन और खर्च पर आधारित होगा। प्रोजेक्ट को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के ई. पलागुट्टापल्ली एससी और इसके आसपास की बस्तियों, पक्काजा मंडल और पुलीचेरला मंडल में लागू किया गया था जिनमें प्रत्येक 5-6 सदस्य के लगभग 100 अनुसूचित जाति परिवार रहते हैं।
पहले ग्रामीणों के आहार में मुख्य रूप से रागी और अन्य बाजरे, बहुत सारे दुग्ध उत्पाद और अन्य शामिल थे। एसवी कॉलेज ऑफ आयुर्वेद के डॉक्टर - हरनाथ चारी और डॉ. ज्ञान प्रसूनाम्बा की डॉक्टर टीम हर दो महीने में एक बार इन गांवों का दौरा किया करती और प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक लागू करने में अहम् भूमिका निभाती। लेकिन आर्थिक समस्या के चलते उनका वर्तमान आहार सूखा और पोषण रहित हो गया है। आहार में दाल, दूध उत्पाद या मांस नहीं है। इसलिए महिलाएं और बच्चे गंभीर एनीमिया पीडि़त हैं। हालांकि स्वास्थ्य चिकित्सकों के आहार संबंधी सही सलाह से ये लक्षण कम हुए हैं। इसलिए आईआईटी मद्रास के प्रयास उनके स्वास्थ्य में सुधार पर केंद्रित थे। हर दूसरे महीने इंटरनेट के माध्यम से उनके साथ सीधा संवाद किया जाता। स्वास्थ्य में सुधार पर विशेष व्याख्यान भी दिए गए।
प्रोजेक्ट की वर्तमान प्रगति के बारे में विस्तार से बताते हुए आईआईटी मद्रास में एप्लाइड मैकेनिक्स विभाग के प्रोफेसर सी. लक्ष्मण राव ने कहा जिन गांवों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए उनमें आईटी टूल की मदद से एक विस्तृत आधारभूत सर्वेक्षण किया गया और लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति और स्वास्थ्य पर खर्च की मैपिंग की गई। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य की प्राथमिक चुनौतियों को दूर करना था। इसके लिए चिकित्सा उपचार और आहार संबंधी सलाह और आईटी टूल से सब का ध्यान रखने की व्यवस्था की गई। इस प्रयास के बाद आईटी टूल की मदद से स्वास्थ्य की स्थिति और स्वास्थ्य पर खर्च की मैपिंग की गई। आईआईटी मद्रास में एप्लाइड मैकेनिक्स विभाग के प्रो. सी. लक्ष्मण राव ने इस स्मार्ट टूल के बारे में बताया हम आयुर्वेद के मूल्यों को अपना कर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर जिन्दगी देने के विश्वास से काम कर रहे हैं। दैनिक जीवन में उपयोगी घर में मौजूद विभिन्न हब्र्स की जानकारी रोगों को जड़ से मिटाने में सहायक हो सकते हैं।

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